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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के विशेष मॉनिटर बालकृष्ण गोयल ने झुंझुनूं के प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा- ये जिला अब आयोग की निगरानी में रहेगा। भविष्य में किसी भी मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायत आने पर इसे अधिकारियों की लापरवाही माना जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गोयल ने कहा- सड़क पर गड्ढे, पानी की अनुपलब्धता, झुकते बिजली के खंभे और इनसे होने वाली दुर्घटनाएं भी मानवाधिकार उल्लंघन के दायरे में आती हैं। यह मत समझना कि झुंझुनूं में कुछ होगा और हमें खबर नहीं मिलेगी। गोयल 2 दिवसीय झुंझुनूं दौरे पर थे। उन्होंने यहां अस्पताल, जेल, बिजली पानी और परिषद के कामों को देखा। इसके बाद बुधवार को उन्होंने कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों की मीटिंग ली। इस मीटिंग में कलेक्टर अरुण गर्ग, कार्यवाहक एसपी देवेंद्र राजावत, आयुक्त दिलीप पूनिया, SDM हवाई सिंह यादव, CMHO छोटेलाल गुर्जर समेत सभी BLO अन्य अधिकारी मौजूद रहे। गोयल ने कहा- आज इस बैठक के बाद झुंझुनूं से कोई शिकायत आती है तो ये माना जाता है कि मैं आया और आपको समझा नहीं पाया। अगर मैं आपको समझाने में सक्षम रहा लेकिन फिर भी मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ तो वो चीज हम लोग एक्सेप्ट नहीं कर सकते हैं। पानी की जांच थर्ड पार्टी से करवाएं बैठक में NHRC विशेष मॉनिटर बालकृष्ण गोयल ने जिले में पानी की गुणवत्ता और बिजली आपूर्ति से जुड़ी व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पानी की सैंपलिंग नियमित रूप से हो, इसकी थर्ड पार्टी से जांच करवाई जाए। हर सप्ताह इसकी रिपोर्ट कलेक्टर समीक्षा बैठक में ली जाए। बिजली विभाग को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया कि स्कूल, कॉलेज और मोहल्लों में लगे ट्रांसफॉर्मर तय मानकों के अनुसार ऊंचाई पर हों। मशीनों के बाहर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं गोयल ने बीडीके अस्पताल का निरीक्षण किया। जहां उन्हें कई अनियमितताएं मिलीं। अस्पताल के सामने सोनोग्राफी सेंटरों के बाहर पंजीकरण नंबर नहीं लगे थे। रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण अस्पताल में सोनोग्राफी नहीं होने पर भी अधिकारियों को मशीनों की संख्या की जानकारी नहीं थी। उन्होंने सभी सोनोग्राफी सेंटरों पर पंजीकरण नंबर अनिवार्य रूप से लगवाने और अवैध लिंग परीक्षण के खिलाफ कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। दिव्यांगजनों के लिए ऊंचे काउंटर पर नाराज हुए निरीक्षण के दौरान, पालना गृह में घंटी न होने पर भी गोयल ने नाराजगी जताई और तुरंत घंटी लगाने का आदेश दिया। उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए ऊंचे पर्ची काउंटर और खराब फ्लेक्स पर भी आपत्ति जताई। उन्हें ठीक करने या रैम्प बनाने के निर्देश दिए। अस्पताल परिसर में नीचे रखे पानी के कैंपर और गिलासों की कमी पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त की, और निजी एंबुलेंस के अस्पताल परिसर में खड़े होने पर सवाल उठाया। राज्य में केवल राज्य मानवाधिकार आयोग ही वैध बैठक में गोयल ने झुंझुनूं के कार्यवाहक एसपी देवेंद्र राजावत को शहर में पुलिस गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए। गोयल ने एनजीओ के नाम पर अधिकारियों को धमकाने या गलत तरीके से दबाव बनाने वाली संस्थाओं के खिलाफ तुरंत शिकायत करने को कहा। इसके साथ ही स्पष्ट किया कि राज्य में केवल राज्य मानवाधिकार आयोग ही वैध रूप से अधिकृत है। भविष्य में शिकायत पर सीधी कार्रवाई की चेतावनी दी। गोयल ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को मानवाधिकारों की गंभीरता समझने और अपने क्षेत्र में उनका उल्लंघन न होने देने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि जो कमियां सामने आई हैं, उन्हें अगले सप्ताह तक सुधार लिया जाएगा, लेकिन भविष्य में किसी भी शिकायत पर सीधी कार्रवाई की जाएगी।

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