जयपुर में एक बार फिर रियासत कालीन परंपरा जीवंत होने जा रही है। जयपुर हेरिटेज निगम की मेयर कुसुम यादव के नेतृत्व में 13 जुलाई को ‘जयपुर की ज्यौणार’ का आयोजन किया जाएगा। जौहरी बाजार स्थित होटल एलएमबी में इस कार्यक्रम का पोस्टर जारी किया गया। 50 हजार से अधिक शहरवासियों को दाल-बाटी-चूरमा का भोजन कराया जाएगा अग्रवाल कॉलेज ग्राउंड पर होने वाले इस आयोजन में 50 हजार से अधिक शहरवासियों को दाल-बाटी-चूरमा का भोजन कराया जाएगा। व्यवस्था के लिए 500 से अधिक हलवाई और 700 वेटर तैनात किए जाएंगे। कार्यक्रम में लोक गीत-संगीत के साथ जयपुर की विरासत की झांकी भी प्रस्तुत की जाएगी। मेयर कुसुम यादव ने बताया कि ज्यौणार का उद्देश्य सिर्फ भोजन नहीं है। यह सांझी विरासत को प्रदर्शित करने का प्रयास है। इस अवसर पर जयपुर के सभी वर्ग, धर्म और समाज के लोग एक साथ भोजन करेंगे। चारदीवारी में बसे ऐतिहासिक जयपुर की विरासत को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, डॉ प्रेमचंद बैरवा और यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा को आमंत्रित किया जाएगा। जयपुर के सांसद, विधायक और व्यापारिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। अग्रवाल कॉलेज ग्राउंड पर वाटर प्रूफ विशाल डोम बनाए जाएंगे ज्यौणार आयोजन समिति के सदस्य रमेश नारनौली का कहना है कि हम 50 हजार से ज्यादा लोगों के लिए तैयारी कर रहे हैं, हम इससे ज्यादा लोगों की व्यवस्था के लिए भी तैयार हैं। बारिश के मौसम को देखते हुए अग्रवाल कॉलेज ग्राउंड पर वाटर प्रूफ विशाल डोम बनाए जाएंगे। आने वाले लोगों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो, इसके लिए सभी इंतजाम किए जाएंगे। 500 हलवाई बनाएंगे चूरमा दाल बाटी ज्यौणार आयोजन समिति के सदस्य मातादीन सोनी का कहना है कि सावन के पहले बुधवार को ज्यौणार में 50 हजार से ज्यादा लोगों को दाल- बाटी- चूरमा का भोजन कराया जाएगा। इसके लिए 5 सौ हलवाई और 7 सौ वेटर की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा 2 सौ से ज्यादा स्वयंसेवक भी मौजूद रहेंगे। प्रदर्शनी का भी होगा आयोजन ज्यौणार आयोजन समिति के सदस्य अजय यादव का कहना है कि एक जाजम पर भोजन करने से कई गिले शिकवे दूर हो जाते हैं। हम भी एक साथ जयपुर के सभी लोगों को भोजन के बहाने एक मंच पर बुलाकर जयपुर की कला संस्कृति, विरासत के साथ भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा। नई पीढ़ी को अपनी शानदार विरासत को जानने का अवसर मिलेगा। इसके लिए यहां जयपुर की विशेष झांकी भी लगाई जाएगी।