झुंझुनूं में नाबालिग से दरिंदगी कर इनकार करने वाले आरोपी का सच DNA रिपोर्ट में सामने आ गया। जांच रिपोर्ट पीड़िता के बच्चे से मैच हो गई, जिसके बाद पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 71 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। दरअसल, घटना के बाद सहमी मासूम ने परिजनों को अपने साथ हुई दरिंदगी की जानकारी नहीं दी। जब पीड़िता का पेट बढ़ने लगा और वह करीब 6 महीने की गर्भवती हो चुकी थी, तब परिजनों ने कारण पूछा तो मासूम ने आपबीती बताई। सुनवाई करते हुए पॉक्सो कोर्ट ने 17 गवाहों के बयान और 46 दस्तावेजों के साथ डीएनए रिपोर्ट को प्रमुख साक्ष्य मानते हुए आरोपी फूलचंद जोगी (32) को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। 4 पॉइंट्स में समझिए पूरा मामला 1. मंदिर में सेवा करता था आरोपी: विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेंद्र सिंह भाम्बू ने बताया- उदयपुरवाटी थाने में 15 फरवरी 2023 को पीड़िता(15) के परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया कि फूलचंद जोगी नामक युवक उदयपुरवाटी के एक मंदिर में सवा मणि समेत अनेक कार्यक्रमों में श्रद्धालुओं की मदद करता था। पीड़िता भी मंदिर दर्शन करने आती थी। निवासी फूलचंद जोगी ने शिकायत दर्ज होने से करीब 6 महीने पहले पीड़िता को डरा- धमकाकर पहाड़ियों में ले जाकर उसके साथ रेप किया। 2. धमकी से पीड़िता डरी, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा: आरोपी ने पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी थी, जिससे पीड़िता डर गई। उसने किसी को आपबीती नहीं बताई। जब पीड़िता का पेट बढ़ने लगा तो परिजनों ने उसे नीमकाथाना में डॉक्टर को दिखाया, जहां उसके 6 महीने की गर्भावस्था की जानकारी मिली। इसके बाद परिजनों ने बच्ची से पूछताछ की, तो मासूम ने अपने साथ दरिंदगी की जानकारी दी। 3. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया: पुलिस ने शिकायत मिलते ही आरोपी फूलचंद जोगी को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पॉक्सो एक्ट और SC/ST एक्ट की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की। 4. पीड़िता के बच्चे से DNA मैच हुआ: इस बीच घटना के सातवें महीने में पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया। कोर्ट के आदेश पर बच्चे का डीएनए टेस्ट कराया गया, जो आरोपी के डीएनए से पूरी तरह मेल खा गया। कोर्ट ने DNA रिपोर्ट को निर्णायक माना। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 17 गवाहों के बयान दर्ज कराए, कुल 46 दस्तावेज प्रस्तुत किए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जज इसरार खोखर ने आज बुधवार को आरोपी फूलचंद जोगी को दोषी ठहराते हुए अलग-अलग धाराओं में 20 साल की सजा और 71 हजार रुपए के जुर्माने का आदेश दिया।