बजट से पहले इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF ने वित्त-वर्ष 2024-25 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 0.20% बढ़ाकर 7% कर दिया है। वहीं वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP अनुमान 6.5% बताया है। इससे पहले अप्रैल में भी IMF ने FY26 के लिए यही अनुमान दिया था। IMF ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक यानी WEO रिपोर्ट में कहा कि भारत में ग्रोथ के पूर्वानुमान को इस साल के लिए रिवाइज कर 7.0% कर दिया गया है। प्राइवेट कंजम्पशन की बेहतर संभावना के चलते ऐसा किया गया है। RBI ने GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2% बताया था
पिछले महीने RBI ने FY25 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.2% किया था। वहीं बीते महीने वर्ल्ड बैंक ने FY2024-25 के लिए भारत का GDP अनुमान 6.6% पर बरकरार रखा था। वर्ल्ड बैंक ने GDP ग्रोथ का अनुमान 6.6% बताया था
इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने अप्रैल में भी FY25 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.6% ही बताया था। वहीं नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) ने वित्त वर्ष 24 में भारत की GDP के 8.2% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है। GDP क्या है?
GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है। दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है। कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?
GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है। GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है?
GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च। इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।
