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ITR भरने पर आसानी से मिलता है लोन:सालाना कमाई ढाई लाख से कम है तब भी फाइल करें, जानें इसके 4 फायदे

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फाइनेंशियल ईयर (वित्त वर्ष) 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR भरने की प्रोसेस शुरू हो चुकी है। इस बार 15 सितंबर 2025 तक इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल करना है। कई लोगों का मानना है कि अगर उनकी सालाना इनकम ढाई लाख से कम है और वो टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं तो उन्हें ITR भरने की जरूरत नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं भी आते हैं तब भी आपको रिटर्न फाइल करना चाहिए, क्योंकि अगर आप ITR फाइल करते हैं तो इससे आपको कई फायदे होते हैं। ITR फाइल करने से लोन मिलने में आसानी होती है। हम आपको ITR फाइल करने के 4 फायदों के बारे में बता रहे हैं। सबसे पहले जानें इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) क्या होता है?
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) एक तरह का हिसाब है, जो आप सरकार को देते हैं। इसमें आप बताते हैं कि पिछले साल आपकी कितनी कमाई हुई, किस कमाई पर टैक्स चुकाना है और कितना टैक्स आपने एडवांस में भर दिया है। इससे पता चलता है कि टैक्स के रूप में आप सरकार को कुछ और पैसे देंगे या सरकार आपको कुछ पैसे वापस करेगी। 1. लोन मिलने में आसानी
ITR आपकी इनकम का प्रूफ होता है। इसे सभी बैंक और NBFC इनकम प्रूफ के तौर पर स्‍वीकार करते हैं। अगर आप बैंक लोन के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक कई बार ITR मांगते हैं। अगर आप नियमित तौर पर ITR फाइल करते हैं तो आपको बैंक से आसानी से लोन मिल जाता है। इसके अलावा आप किसी भी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लोन के अलावा दूसरी सेवाएं भी आसानी से हासिल कर सकते हैं। 2. वीजा के लिए जरूरी
अगर आप किसी दूसरे देश में जा रहे हैं तो वीजा के लिए जब आप आवेदन करते हैं तो आपसे इनकम टैक्‍स रिटर्न मांगा जा सकता है। कई देशों की वीजा अथॉरिटीज वीजा के लिए 3 से 5 साल का ITR मांगते हैं। ITR के जरिए वे चेक करते हैं कि जो आदमी उनके देश में आना चाहता है कि उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्‍या है। 3. टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए
अगर आपकी आमदनी से टैक्स काटकर सरकार के पास जमा करा दिया गया है तो आप ITR फाइल किए बिना उसे वापस नहीं पा सकते, भले ही आपकी आमदनी इनकम टैक्स में बेसिक एग्जंप्शन लिमिट के अंदर ही हो। आपको अगर टैक्स रिफंड क्लेम करना है तो इसके लिए ITR दाखिल करना जरूरी है। आप जब ITR दाखिल करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका असेस्मेंट करता है। आपका अगर रिफंड बनता है तो वह सीधे बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है। 4. घाटे को कैरी फॉरवर्ड करना रहता है आसान
अगर आप शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और आपको घाटा होता है तो घाटे को अगले साल कैरी फारवर्ड कराने के लिए निर्धारित समय सीमा में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है, क्योंकि अगले साल आपको अगर कैपिटल गेन होता है तो यह घाटा इस फायदे से एडजस्ट होगा और आपको लाभ पर टैक्स छूट का फायदा मिल सकता है।

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