cover kheti kissani 1 1744297307 oywqlC

दौसा के एक युवा ने एलआईसी की नौकरी छोड़कर खेती में हाथ आजमाया। उन्होंने आधुनिक तरीके से जैविक खेती की। अलग-अलग फसलें और फल-सब्जियां उगाकर वे सालाना 50 लाख का टर्नओवर ले रहे हैं। डिडवाना कस्बे के रहने वाले श्याम सुंदर शर्मा (41) जीवन बीमा निगम में नौकरी कर रहे थे। लेकिन किसान परिवार से जुड़े होने कारण बचपन से ही खेती में कुछ अलग करने की चाह थी। ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़कर अलग से 20 बीघा जमीन खरीदी और उस पर पॉलीहाउस लगाकर ऑर्गेनिक खेती करना शुरू किया। इसका अच्छा परिणाम मिला और खेती चल निकली। अलग-अलग मंच पर उन्हें नवाचार के लिए सम्मानित किया गया। कृषि विभाग के अधिकारी उनके फार्म पर किसानों को लाते हैं और ट्रेनिंग दिलवाते हैं। महारे देस की खेती में आज बात दौसा के किसान श्याम सुंदर की… किसान ने बताया- मुझे सरकारी नौकरी में 60 हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी मिल रही थी। लेकिन मैं किसान बनकर खुश हूं। बीते 8 साल से मैं खेती कर रहा हूं और अब 28 तरह की फसलें ऑर्गेनिक तरीके से उगा रहा हूं। साल 2018 में मैंने खेती के लिए नजदीकी गांव खटवा (दौसा) में 60 लाख रुपए में खेती के लिए जमीन खरीदी और कृषि विभाग के अधिकारियों से जानकारी जुटाकर खेत में पॉलीहाउस लगाया। वर्तमान में पॉलीहाउस में खीरा की उपज ले रहा हूं। इसके अलावा सीजन में गेहूं, ज्यों, चना, मक्का, टमाटर, बैंगन, गोभी, खीरा, पपीता और मिर्ची के साथ-साथ कई तरह के फल, सब्जियों की प्रोडक्शन ले रहा हूं। मेरे पिता रेवड़मल शर्मा किसान हैं। लालसोट के डिडवाना में पिता परंपरागत खेती करते रहे हैं। मैं पढ़ाई में ठीक था। लेबर लॉ में डिप्लोमा के 2 साल बाद 2010 में LIC में विकास अधिकारी के तौर पर मेरी नौकरी लग गई। यह नौकरी मैंने 8 साल की और 2018 में जॉब छोड़कर खेती के क्षेत्र से जुड़ गया। कृषि विज्ञान केंद्र से जैविक खेती में मदद मिली शर्मा ने बताया- खेती शुरू करने से पहले मैंने कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों से चर्चा की। शुरुआत में गेहूं, जौ, चना, मक्का, बाजरा, मूंगफली और ग्वार की फसलें जैविक तरीके से की। इनमें कुछ आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया। जैसे खेतों में सेरोमन ट्रैप लगाए। इससे कीड़े फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाते। सोलर सिस्टम लगाया के लिए सरकार से 1.35 लाख में सब्सिडी मिली। ग्वार के फूल आते ही बारिश के सीजन में खेत को कल्टीवेट करके हरी खाद जमीन में दबा दी। इससे फसल अच्छी होती है। ऑर्गेनिक तरीके से की गई पहली ही फसल से मुझे 8 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ। पॉलीहाउस लगाया, खीरे का अच्छा उत्पादन मैंने आधुनिक तरीके से खेती करने करने 35 लाख का लोन लिया। इससे मैंने डेढ़ बीघा खेत में पॉलीहाउस लगाया। इसमें मैंने चाइनीज खीरे की खेती करना शुरू किया। इस खीरे की मार्केट वैल्यू 20 रुपए प्रतिकिलो से 45 रुपए प्रतिकिलो तक मिलती है। खीरे की खेती करने में 5 लाख रुपए की लागत आई। यह खीरा 4 महीने में तैयार हो जाता है। चार महीने बाद मुझे 12 लाख फसल मिली और शुद्ध मुनाफा 7 लाख (सिर्फ खीरे से) हुआ। पॉलीहाउस से मैं सालाना 2 फसलें खीरा की ले रहा हूं। इस तरह शुद्ध मुनाफा 14 लाख रुपए मिलता है। इसके अलावा मैंने बागवानी खेती का भी रुख किया। मैंने खेत में पपीते के 800 पेड़ लगाए। इन पपीता की उम्र 3 साल थी। अक्टूबर 2024 तक मैं इन पेड़ों से सालाना 10 लाख 30 हजार रुपए की कमाई कर चुका था। अन्य फलों-सब्जियों से मुझे 8 लाख की शुद्ध कमाई होती है। इस तरह सब कुछ मिलाकर करीब 30 लाख तक सालाना कमाई हो जाती है। पहले परिवार-दोस्तों ने विरोध किया श्याम सुंदर ने बताया- जब मैंने सरकारी नौकरी छोड़ने की बात परिवार और दोस्तों में शेयर की तो सबने विरोध किया। बाद में पूरे परिवार ने सपोर्ट किया। जैविक खेती से सिर्फ किसान को फायदा नहीं होता, बल्कि लोगों को, मिट्‌टी को और जीवों को भी फायदा होता है। मेरे काम को सरकार और प्रशासन ने भी सराहा ब्लॉक स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक अवॉर्ड मिले। आज कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को मेरा उदाहरण देते हैं। किसानों के दल को मेरे खेत पर लेकर आते हैं। मैं उन्हें ट्रेनिंग देता हूं। मैं अपने उत्पादों को अपने प्लेटफार्म HARIT ORGANIC FARM के माध्यम से विक्रय करता हूं। इससे अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है। …. खेती-किसानी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… 64 साल के किसान का अश्वगंधा खेती का प्रयोग सफल:34 लाख का टर्नओवर, हैदराबाद की कंपनी ने की डील, अब नई आयुर्वेदिक फसल की तैयारी खेत में आयुर्वेदिक पौधा उगाकर 64 साल के किसान ने कमाल कर दिया। यह पौधा है अश्वगंधा। जिसकी जड़ का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। दुनियाभर में अश्वगंधा की 10 किस्में पाई जाती हैं। भारत में इसकी 2 वैरायटी मिलती हैं। कोटा और नागौर के अलावा अब पाली में भी अश्वगंधा की खेती की जा रही है। (पढ़ें पूरी खबर)

By

Leave a Reply