किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग को लेकर चलाए जा रहे गांव बंद आंदोलन का दूसरा चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। ‘खेत को पानी – फसल को दाम’ के नारे के साथ चल रहे इस जन जागरण अभियान ने अब तक 37 जिलों को कवर किया है। दूसरे चरण की यात्रा टोंक से शुरू होकर बूंदी, बारां, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर, करौली, अलवर, सीकर, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर और नागौर होते हुए जयपुर में समाप्त हुई। इससे पहले पहले चरण में 8 दिनों में 20 जिलों में संदेश पहुंचाया गया था। किसान महापंचायत के प्रदेश मंत्री बत्ती लाल बैरवा ने बताया कि अभियान का तीसरा चरण बालोतरा, सलूंबर, फलोदी और धौलपुर जिलों में चलाया जाएगा। शनिवार को जयपुर के वैशाली नगर स्थित गार्डन कैफे में आंदोलन को मजबूत करने के लिए बुद्धिजीवियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई वरिष्ठ पूर्व आईएएस अधिकारियों, शिक्षाविदों और रेलवे अधिकारियों ने हिस्सा लिया और आंदोलन को अपना समर्थन दिया। आगामी 27 जनवरी को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। जन जागरण अभियान के अंतर्गत टोंक जिले में जागृति रथ गांव-गांव जाकर गांव बंद आंदोलन की जानकारी दे रहा है, जोधपुर जिले में अब तक एक लाख पंपलेट वितरण किए जा चुके हैं, अलवर, कोटपूतली-बहरोड एवं खैरथल-तिजारा में किसान प्रतिनिधियों के दल घूम रहे हैं, बिना किसी के पहुंचे भी दौसा जिले के गाँव जटवाड़ा, टहटड़ा, बड़वा, पड़ासोली, हंसमहल, बांसखोह, झर, मोहनपुरा, भटेहरी जयपुर जिले में मोजमाबाद उपखंड के गाँव श्योसिंहपूरा- बांसड़ा, फागी उपखंड की ग्राम पंचायत परवन के गांव दुवालिया एवं मोरडी जैसे अनेक गांव 29 जनवरी को गांव बंद आंदोलन के लिए संकल्प ले चुके हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश के अनेक गांवो से गांव बंद आंदोलन मे भागीदारी करने के लिए जानकारी दी जा रही है । कल 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को ग्रामसभाओं में गांव बंद आंदोलन की चर्चा रहेगी और उनमें से अनेक गांवो में संकल्प भी लिया जाएगा ।

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