राजस्थान की शिक्षा नगरी सीकर एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चमकी है। कर्नाटक के कोप्पल में आयोजित 13वीं नेशनल पेंचक सिलाट चैंपियनशिप 2025 (जूनियर वर्ग) में सीकर के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर पूरे देश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
आर. के. मंत्रा इंस्टिट्यूट & स्पोर्ट्स एकेडमी, वृन्दावन सिटी, सीकर से जुड़े खिलाड़ियों ने कुल
5 मेडल (2 गोल्ड, 2 सिल्वर, 1 ब्रॉन्ज) जीतकर राजस्थान की टीम को गौरवान्वित किया।
प्रतियोगिता का विवरण
यह प्रतियोगिता 2025 में कर्नाटक के कोप्पल जिले में आयोजित हुई थी। इसमें देशभर से 1500 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। राजस्थान से 74 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता का हिस्सा बने और उनमें से सीकर की टीम सबसे आगे रही।
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आयोजन स्थल: कोप्पल, कर्नाटक
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संस्करण: 13वीं नेशनल पेंचक सिलाट चैंपियनशिप
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वर्ग: जूनियर
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प्रतिभागी खिलाड़ी: पूरे भारत से 1500+
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राजस्थान से खिलाड़ी: 74
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सीकर द्वारा जीते गए मेडल: 5
मेडल जीतने वाले सीकर के होनहार खिलाड़ी
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गोल्ड मेडल
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सुप्रिया राज (पुत्री विकास कुमार)
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प्रिंशी चौधरी (पुत्री अमित कुमार)
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सिल्वर मेडल
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नायिशा (पुत्री सुरेश कुमार)
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काव्या कुमावत (पुत्री शिवपाल सिंह)
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ब्रॉन्ज मेडल
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साक्षी राज (पुत्री विकास कुमार)
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इन बच्चों ने न केवल अपनी एकेडमी और परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि संपूर्ण राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया।
कोच और मैनेजर की भूमिका
किसी भी जीत के पीछे खिलाड़ियों की मेहनत के साथ-साथ कोच और मैनेजमेंट का भी बड़ा योगदान होता है।
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टीम कोच: सुरेन्द्र कुमार राड़
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टीम मैनेजर: बजरंग लाल मावलिया
इन दोनों ने खिलाड़ियों को निरंतर मार्गदर्शन और मानसिक मजबूती दी, जिसके कारण सीकर की टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
राजस्थान की उपलब्धि
पूरे राजस्थान से 74 खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया, लेकिन सबसे ज्यादा मेडल सीकर की आर. के. मंत्रा इंस्टिट्यूट & स्पोर्ट्स एकेडमी के खिलाड़ियों ने जीते।
यानी, राजस्थान की टीम में सीकर का योगदान सबसे बड़ा रहा।
सीकर में विजेताओं का स्वागत
मेडल जीतकर जब खिलाड़ी सीकर लौटे तो उनका भव्य स्वागत किया गया।
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संस्था प्रधान आर. के. कुड़ी ने खिलाड़ियों का माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर अभिनंदन किया।
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पूरे शहर में डीजे के साथ विजय जुलूस निकाला गया।
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इस मौके पर कई गणमान्य लोग भी मौजूद रहे और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया।
पेंचक सिलाट क्या है?
पेंचक सिलाट इंडोनेशिया की पारंपरिक मार्शल आर्ट है, जो अब एक अंतरराष्ट्रीय खेल बन चुका है।
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इसमें फाइटिंग तकनीक, आत्मरक्षा और शारीरिक क्षमता का परीक्षण होता है।
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भारत में यह खेल तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और युवाओं के बीच नई पहचान बना रहा है।
सीकर क्यों है खास?
सीकर को “शिक्षा नगरी” कहा जाता है। यहां न केवल शिक्षा में बल्कि खेलों में भी युवा अपनी अलग पहचान बना रहे हैं।
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पिछले कुछ वर्षों में सीकर के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत चुके हैं।
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आर. के. मंत्रा जैसे संस्थान खेलों को नई दिशा दे रहे हैं।
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निष्कर्ष
13वीं नेशनल पेंचक सिलाट चैंपियनशिप 2025 में सीकर के खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है।
2 गोल्ड, 2 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मेडल जीतकर सीकर की बेटियों ने न केवल अपने परिवार और संस्थान का नाम रोशन किया, बल्कि राजस्थान को भी राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया।
इन उपलब्धियों से यह साफ है कि सीकर के युवा आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का नाम रोशन करें