राजधानी में 78 साल पहले सन् 1946 में नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड (NBC बियरिंग) की नींव रखी गई। तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह कंपनी न केवल राजस्थान बल्कि भारत की औद्योगिक पहचान का अभिन्न हिस्सा बन जाएगी। 3 अरब डॉलर के सीके बिरला ग्रुप की यह कंपनी आज चमकता सितारा है, जो 30 से अधिक देशों में अपना परचम लहरा रही है। बियरिंग में विशेषज्ञता रखने वाली कंपनी हर साल 25 करोड़ बियरिंग का उत्पादन करती है, जो ऑटोमोबाइल, रेलवे, विमान और औद्योगिक क्षेत्रों की रीढ़ हैं। खास बात ये है कि अब कंपनी बियरिंग बनाने का अधिकतर काम रोबोट से कर रही है। अधिकतर कर्मचारी मशीनरी और प्रोडक्ट क्वालिटी चेक करने का काम करते हैं। नवाचार में सबसे आगे, रोबोट बनाते हैं अधिकांश बियरिंग, कर्मचारी निगरानी करते हैं रोबोट आग में तपते रेलवे के पहियों के बियरिंग को निकालकर फिनिशिंग के लिए आगे भेजता है। बाजार में हिस्सेदारी : 50% कारोबार घरेलू ऑटोमोबाइल (जिसमें ईवी बियरिंग का 10% योगदान) सेक्टर का। 14% घरेलू औद्योगिक, 15% घरेलू रेलवे और 21% निर्यात का। रोजगार प्रत्यक्ष 3,080 अप्रत्यक्ष 1,500 कारोबार : एनबीसी का अगले चार साल में हर साल 50 करोड़ बियरिंग उत्पादन का लक्ष्य है, जो वर्तमान में 25 करोड़ है। वैश्विक उपस्थिति : 30 से अधिक देशों में 3100 से ज्यादा प्रकार के बियरिंग के साथ एनबीसी ने भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूत किया है। अधिग्रहण : 2020 में यूरोप की किनेक्स बियरिंग का अधिग्रहण और 2022 में जर्मनी में वैश्विक प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना। बियरिंग उद्योग की वृद्धि : 2023 में भारतीय बियरिंग बाजार का अनुमानित मूल्य 2,179.9 मिलियन डॉलर था, जो 2024-2032 के बीच 13.5% वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। उपलब्धि 1946 में रखी थी नींव, ऑटोमोबाइल, रेलवे और विमानन कंपनियों के लिए बनी रीढ़

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