NEET मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एग्जाम में फिजिक्स के 2 सही ऑप्शन वाले क्वेश्चन नंबर 19 की पड़ताल का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि 2 सही ऑप्शन देने से 44 स्टूडेंट्स को बोनस मार्क्स मिले और 4.2 लाख कैंडिडेट्स को नुकसान हुआ है। इस पर IIT दिल्ली के एक्सपर्ट्स की राय लें।
कोर्ट ने आदेश दिया कि IIT दिल्ली के डायरेक्टर 2 जवाबों वाले सवाल की जांच के लिए एक 3 मेंबर्स की एक्सपर्ट कमेटी बनाएं। एक्सपर्ट टीम उनमें से एक सही ऑप्शन चुनकर मंगलवार, 23 जुलाई को 12 बजे तक रजिस्ट्रार को अपनी राय भेजें।
इसके अलावा, CJI ने याचिकाकर्ताओं से आज यानी सोमवार शाम तक आधे पेज में NEET UG रीटेस्ट के पक्ष में तर्क का रिटन सबमिशन ई-मेल करने को कहा है।

NEET गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 40 से ज्यादा याचिकाओं पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने सुनवाई खत्म हुई। यह चौथी सुनवाई थी। अगली सुनवाई कल यानी मंगलवार को होगी।
सीनियर एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा के साथ संजय हेगड़े, मैथ्यूज नेदुम्परा याचिकाकताओं की ओर से, जबकि सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता NTA और केन्द्र की ओर से अपना पक्ष रखा।


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की मिनट टु मिनट अपडेट…
अपडेट्स
कोर्ट रूम Live
अगली सुनवाई कल यानी मंगलवार को होगी।
कोर्ट रूम Live
बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा: NEET-UG 24 परीक्षा में कैंडिडेट्स को एक सवाल के लिए एक सही ऑप्शनचुनना था। इसके लिए दो सही ऑप्शन सुझाए गए। इस पर IIT दिल्ली के एक्सपर्ट्स की राय लेनी चाहिए। हम IIT दिल्ली के डायरेक्टर से अनुरोध करते हैं कि 3 एक्सपर्ट्स की टीम बनाएं और इस विषय पर रिपोर्ट दें। एक सही ऑप्शन चुनकर 12 बजे तक रजिस्ट्रार को राय भेजें।
कोर्ट रूम Live
याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ एडवोकेट मुक्ता गुप्ता: इस कैंडिडेट को बहुत ज्यादा पसीना आने की समस्या है लेकिन उसे एग्जाम सेंटर में रूमाल ले जाने की परमिशन नहीं थी। ज्यादा पसीना आने की वजह से इनका एग्जाम बिगड़ गया।
ये भी रीएग्जाम चाहते हैं।
कोर्ट रूम Live
एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील ने मेघालय के कुछ सेंटर्स में छात्रों को ग्रेस मार्क्स नहीं देने या रीएग्जाम में शामिल न होने का मुद्दा उठाया। बेंच ने SG से इस पर निर्देश लेने को कहा।
CJI ने याचिकाकर्ताओं से आज शाम तक आधे पेज में NEET UG रीटेस्ट के पक्ष में तर्क का रिटन सब्मिशन ई-मेल करने को कहा है।
कोर्ट रूम Live
CJI: आप दोनों को सही उत्तर नहीं मान सकते थे। आपको कोई एक ही ऑप्शन चुनना होगा। दोनों एक साथ सही नहीं हो सकते।
याचिकाकर्ता के वकील: प्रोविजनल आंसर की में सही उत्तर दिया था। लेकिन बाद में उन्होंने बदलाव किया और ऑप्शन 2 के लिए भी मार्क्स देने का फैसला किया।
CJI: हमारे लिए चिंता की बात यह है कि आपने जो किया है उसका फायदा 4 लाख से जायदा छात्रों को मिला है।
कोर्ट रूम Live
CJI: अगर ऑप्शन 2 को गलत माना जाता है तो 4.20 लाख छात्रों को 4 मार्क्स का नुकसान होगा और एक नेगेटिव मार्क भी मिलेगा।
SG: हमें कई गरीब छात्रों से एप्लिकेशन मिला था कि वे बड़े भाई-बहनों की पुरानी NCERT किताबों का इस्तेमाल करते हैं।
याचिकाकर्ता के वकील: पुराना एडिशन अब उपलब्ध नहीं है। 2019 से यह नया वर्जन है। यदि भाई-बहनों की पुरानी किताबों से कोई पढ़ रहा है मुझे आश्चर्य है कि भाई-बहन कब पास हुए थे।
CJI: ऑप्शन 2 टिक करने वाले छात्रों में से कोई भी यहां नहीं है। जिन 44 विद्यार्थियों को 720 मार्क्स मिले थे, वे 715 पर आ जाएंगे।
कोर्ट रूम Live
CJI: आपको लेटेस्ट इंस्ट्रक्शन का पालन करना होगा। ऑप्शन 4 सही है लेकिन NTA ने कहा कि ऑप्शन 2 को सही माना जाएगा, क्योंकि 2019 की किताब में यह था। ये एक वाजिब दलील है। अभी दूसरा वकील कह रहा है कि उन्होंने इसका उत्तर दे दिया है।
SG: 4,20,774 कैंडिडेट्स ने ऑप्शन 2 टिक किया – पुरानी NCERT के हिसाब से सही। वहीं, 9,28,379 कैंडिडेट्स ने ऑप्शन 4 टिक किया – ये नई NCERT के हिसाब से सही था।
कोर्ट रूम Live
याचिकाकर्ता के वकील: सवाल था – सभी एलिमेंट्स के एटम स्टेबल होते हैं और खुद अपनी कैरेक्टरिस्टिक स्पेक्ट्रम रिलीज करते हैं।
पुरानी NCERT के हिसाब से ये स्टेटमेंट सही है, लेकिन नई NCERT के हिसाब से ज्यादातर एलिमेंट्स के एटम स्टेबल होते हैं – ये ऑप्शन सही है।
दोनों विकल्प सही नहीं हो सकते।
कोर्ट रूम Live
CJI: इस तर्क का उत्तर ये है कि अगर आप सही उत्तर नहीं जानते हैं, तो यह धारणा है कि कुल मिलाकर आप उत्तर नहीं जानते हैं। उनका तर्क यह है कि कोई मार्क्स न दें, बल्कि ऑप्शन 4 चुनने वालों को ही पूरे मार्क्स दें। लेकिन ऑप्शन 2 टिक करने वालों को मार्क्स देकर, आप टॉपर्स की संख्या बढ़ा रहे हैं।
CJI: आखिरकार NTA दोनों ऑप्शन पर मार्क्स देने के फैसले पर क्यों पहुंचा?
SG: क्योंकि दोनों उत्तर सही थे।
याचिकाकर्ता के वकील: यह संभव नहीं है।
कोर्ट रूम Live
CJI: उन्हें सिर्फ यह कहना चाहिए था कि एक उत्तर सही है।
CJI: सॉलिसिटर महोदय, यह एक मजबूत तर्क है। आपने निर्देश दिया है कि NCERT की लेटेस्ट किताब के हिसाब से आंसर-की तैयार करें। ऐसे में ऑप्शन 4 सही है। फिर ऑप्शन 2 का उत्तर देने वालों को पूरे मार्क्स नहीं दिए जा सकते।
कोर्ट रूम Live
याचिकाकर्ता के वकील: NTA का कहना है कि यदि दो सही ऑप्शन हैं, तो कोई भी टिक करें। लेकिन, मैं परीक्षा के समय यह तय नहीं कर सकता कि दो सही उत्तर हैं। मैं यह नहीं मान सकता कि दो सही उत्तर हैं और दोनों के लिए अंक दिए जाएंगे।
वकील: मैंने आंसर टिक नहीं करने का फैसला लिया क्योंकि नेगेटिव मार्किंग है। इस सवाल को छोड़कर मैंने बहुत अच्छा किया है। मैं इस समय 311वीं रैंक पर हूं। अगर मुझे इस क्वेश्चन के लिए चार मार्क्स मिलते तो मेरी रैंक इम्प्रूव होगी।
वकील: सवाल हटा दिया जाना चाहिए।
इन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय बनाम समीर गुप्ता केस के फैसले का हवाला भी दिया। यह माना गया कि अगर कोई सवाल क्लियर नहीं है, तो उसेहटा दिया जाना चाहिए।
वकील: इस अनक्लियर सवाल की वजह से 44 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स मिले और वो ऑल इंडिया रैंक 1 पर आ गए।
कोर्ट रूम Live
एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील ने कहा- कैंडिडेट ने 711 मार्क्स स्कोर किए हैं। कैंडिडेट ने वो सवाल अटेम्प्ट नहीं किया जिसमें एक से ज्यादा आंसर सही लग रहे थे। NTA ने उन कैंडिडेट्स को पूरे मार्क्स दिए जिन्होंने दोनों में से किसी भी विकल्प को चुना हो। जिसने आंसर नहीं दिया उन्हें नंबर नहीं दिए गए। अगर 711 नंबर वाले कैंडिडेट को मार्क्स मिले होते तो वो टॉपर होती।
कोर्ट रूम Live
याचिकाकर्ता के वकील ने 9 अप्रैल को दोबारा 24 घंटे की रजिस्ट्रेशन विंडो खोलने पर भी आपत्ति जताई। इसमें 24,000 छात्रों को NEET के लिए रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा कि जो कैंडिडेट्स समय पर फॉर्म नहीं भर पाए उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया जाना चाहिए।
कोर्ट रूम Live
याचिकाकर्ता के वकील ने सवाल किया कि NTA 4 जून को 1563 छात्रों का नंबर कैसे लेकर आया, जबकि 5 मई को उन्होंने सवाई माधौपुर में केवल एक ही सेंटर की बात की थी?
कोर्ट रूम Live
तन्वी सरवाल केस का कोट पढ़ते हुए वकील ने कहा, ‘अगर केवल 1 अनडिजर्विंग कैंडिडेट भी गड़बड़ी का फायदा पाता है और पकड़ में नहीं आता, तो इससे डिजर्विंग कैंडिडेट्स के साथ अन्याय होगा।’
कोर्ट रूम Live
याचिकाकर्ता के वकील ने 2015 के तन्वी सरवाल फैसले का हवाला दिया। 44 स्टूडेंट्स के एग्जाम में अनफेयर मीन्स का इस्तेमाल करने के बाद ऑल इंडिया प्री-मेडिकल 2015 एग्जाम कैंसिल कर दिया था। वकील ने कोर्ट का सुनवाया फैसला पढ़ा।
कोर्ट रूम Live
नेदुम्परा: लीक इंडस्ट्री 2500 करोड़ की है। 50,000 सरकारी मेडिकल सीटें हैं। कैपिटेशन फीस 50 लाख से 1 करोड़ के बीच है। कई सालों से पेपर लीक हो रहा है। 2013, 2014, 2016। हरियाणा के जिन सेंटर्स की बात हो रही थी, वे तब भी इसमें शामिल थे।
नेदुम्परा: लातूर, राजकोट एजुकेशनल हब नहीं हैं। NTA ने गलत डेटा दिखाया है।
कोर्ट रूम Live
हेगड़े: जो बात सामने आ रही है वह यह है कि ये पेपर लीक करने वाला एक संगठित गिरोह है। इनका पुराना इतिहास भी है। यह उनका बिजनेस मॉडल है।
लीक हुए पेपर की वैल्यू कुछ समय तक ही होती है। अगर किसी के पास भी लीक हुआ पेपर जाएगा, तो वह ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने की कोशिश करेगा।
हेगड़े: सच तो यह है कि हम छात्रों से ये कह भी नहीं कह सकते कि एग्जाम फेयर था। यदि ये रिजल्ट सही हैं, तो उन पोस्ट-डेट चेक को अभी भी भुनाया जा सकता है। जिस किसी को 720 अंक मिले, उसे रीएग्जाम में 640 मार्क्स मिले।
हेगड़े: कम से कम उन सभी के लिए दोबारा परीक्षा लेने की मांग की जिन्होंने कट ऑफ से ज्यादा स्कोर किया है।
नेदुम्पारा: इसे प्रीलिम्स परीक्षा मानें और मेन्स परीक्षा आयोजित करें। प्रीलिम्स और मेन्स पैटर्न की तरह।
कोर्ट रूम Live
हेगड़े: NTA पेपर लीक होने की बात से इनकार करता रहा। NTA ने बिहार पुलिस का सहयोग नहीं किया। EOU ने NTA से बात की, लेकिन उन्होंने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया।
मई में चुनाव हो रहे थे और NTA को गाइड करने वाला कोई नहीं था। सवाल पूछे जाने के बाद ही NTA ने जवाब दिया। कोर्ट के सवाल पूछने के बाद ही NTA ने डेटा देना शुरू किया।
NTA इनकार करता रहा और 22 जून को ही कुछ बदलाव किए गए। इसके बाद जांच CBI को सौंपी गई।
कोर्ट रूम Live
हेगड़े: महामहिम, हर सरकारी सीट पर सरकार हर साल हर छात्र पर एक करोड़ रुपए खर्च कर रही है। अगर NTA एक गंभीर परीक्षा एजेंसी होती, तो वह परीक्षा की शुचिता को लेकर सबसे अधिक चिंतित होती। 5 तारीख को ही जब यह बताया गया कि पेपर लीक हो गया था। उन्होंने क्या किया ? मान लीजिए कि उन्होंने एग्जाम कैंसिल करने का फैसला ले लिया होता, तो क्या उस स्थिति में भी आपका तर्क यही होता?
कोर्ट रूम Live
CJI: 61 में से 44 ऐसे हैं जिन्हें ग्रेस मार्क्स मिले हैं।
हेगड़े: एक क्वेश्चन के दो विकल्प। इसका मतलब यह भी है कि उन 44 को 179 क्वेश्चन सही करने के लिए अंक मिले। इस हिसाब से 44 का आंकड़ा भी ज्यादा है।
हेगड़े: यदि सिलेबस आसान होता, तो सभी अच्छा स्कोर कर लेते। 650 से ऊपर स्कोर करने वाले कैंडिडेट्स 50,000 से ज्यादा हैं। ये एक रेड फ्लैग है।
हेगड़े: जब आपको कैंसर का शक हो और जांच में कुछ न आए, तो सबसे अच्छी बात कीमोथेरेपी कराना है। आप कैंसर सेल्स के बढ़ने का जोखिम नहीं उठा सकते
कोर्ट रूम Live
हेगड़े: ऐसे में क्या हम कह सकते हैं कि सभी को ऐसे मार्क्स मिले जिनके वे हकदार थें? एक प्रतियोगी परीक्षा में 61 टॉपर्स निकलने पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
कोर्ट रूम Live
हेगड़े: CBI की जांच सिर्फ पटना तक ही सीमित नहीं है, इसमें कई राज्य शामिल हैं। एजेंसी इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि लीक स्थानीय था।
हेगड़े: NEET सिर्फ एक क्वालिफिकेशन है। यदि आप NEET क्वालिफाइड हैं, तो आप केवल सरकारी सीटों के लिए ही योग्य नहीं हैं। कई विदेशी मेडिकल कॉलेजेज में भी NEET स्कोर के जरिए एडमिशन मिलता है। 164 कट-ऑफ पर लगभग 13 लाख कैंडिडेट्स ने NEET क्वालिफाई किया है।
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: अगर यह कोर्ट दोबारा NEET पर विचार नहीं कर रहा है तो कम से कम क्वालिफाइड लोगों को दोबारा परीक्षा देने के लिए कहा जाना चाहिए, जो करीब 13 लाख लोग हैं।
सीनियर वकील हेगड़े: हजारीबाग से पेपर लीक हुआ है। पटना में लीक पकड़ा गया। आज तक हमें नहीं पता कि ये पेपर कहां लीक हुआ। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मैसेज लगभग 100 लोगों तक गए थे।
हेगड़े: हमें लीक के दायरे के बारे में नहीं पता। लीक के समय को लेकर कह सकते हैं कि यह 5 तारीख की सुबह नहीं हुआ। पेपर लीक कम से कम 4 मई की रात या उससे पहले हुआ था।
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: उन्होंने 6 घंटे तक क्वेश्चन पेपर अपने पास रखे।
CJI: धन्यवाद, मिस्टर हुड्डा।
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: पूरी तरह से सिस्टम फेल हुआ है –
1. एड्रेस वेरिफिकेशन नहीं किया गया।
2. सीसीटीवी कैमरे से निगरानी नहीं की।
3. सवाई माधोपुर के बारे में उन्होंने अलग से हलफनामा दिया है।
CJI: 5 मिनट खत्म हो गए हैं। आप 30 सेकंड में बुलेट पॉइंट बना सकते हैं।
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: रिजल्ट एनालिसिस रिपोर्ट में बेल शेप नहीं गोलाकार है। आप सीकर राजस्थान का चार्ट देखें।
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: संजीव मुखिया एक हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर है। इसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पेपर लीक व्हाट्सएप पर हुआ था इसलिए ये नहीं कहा जा सकता कि ये सिर्फ पटना तक ही सीमित है। सुबह पेपर लीक होना और फिर स्टूडेंट्स को आंसर याद कराने की CBI की कहानी पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
लंच के बाद सुनवाई दोबारा शुरू हुई
अब NTA CJI की बेंच के 6 सवालों के जवाब देगा।वहीं, याचिकाकर्ताओं को ऐसे सेंटर्स का डेटा जमा करना होगा, जहां उनके मुताबिक गड़बड़ी हुई है।CJI ने कहा कि NEET मामले पर चर्चा आज खत्म हो जाएगी।
NEET पर सुनवाई के मुख्य पॉइंट

अब लंच ब्रेक के बाद सुनवाई होगी
सुप्रीम कोर्ट में अब लंच ब्रेक हो गया है, अब सुनवाई दोपहर 2 बजे फिर से शुरू होगी।
कोर्ट रूम Live
CJI: सिस्टम में जो गड़बड़ियां हुई हैं, उन पर हम SG से इसे सुधार के लिए बात करेंगे।
CJI ने हुड्डा से कहा: आपने अब तक OMR शीट कब सील की जाती है, परीक्षा और OMR शीट जमा करने के बीच समय का अंतर, एड्रेस वेरिफिकेशन नहीं होना जैसे मुद्दे बताए हैं।
कोर्ट रूम Live
CJI: हुड्डा जी, कई एग्जाम में स्टूडेंट्स अपनी पसंद से सेंटर चुनते हैं। स्टूडेंट्स ये मान लेते हैं कि फलां सेंटर पर मार्किंग अच्छी होती है, तो क्या ये पेपर कैंसिल करने के लिए ठोस वजह हो सकती है?
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: जहां तक पेपर लीक का सवाल है तो प्रत्यक्ष सबूत कोर्ट के सामने हैं। याचिकाकर्ता को जांच की जानकारी नहीं है, इसलिए हम केवल परिस्थिति के हिसाब से जुटाए गए सबूतों पर ही भरोसा कर सकते हैं।
CJI: फिलहाल ये कह सकते हैं कि सिस्टम में गड़बड़ियों की वजह से पेपर लीक पूरे देश में फैल सकता है। ये मनगढ़ंत है।
कोर्ट रूम Live
जस्टिस पारदीवाला: आइए इस तरह से जांच करें कि क्या सीकर में पेपर लीक की वजह से छात्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया?
नेदुम्पारा बीच में कहते हैं.. क्या
जस्टिस पारदीवाला ने नेदुमपारा को फटकार लगाते हुए कहा कि उनका हस्तक्षेप करना ठीक नहीं है।
कोर्ट रूम Live
SG: हमने जांच की है कि पिछले सालों में कितने स्टूडेंट्स एग्जाम देने आए थे। दरअसल, 2024 में सीकर का सक्सेस रेट कम हुआ है।
हुड्डा: ये व्यवस्थागत विफलता है।
जस्टिस पारदीवाला: मिस्टर हुडा, इसे देखने के दो तरीके हैं। हां, पेपर लीक हुआ था। क्या आपका तर्क है कि सिस्टम फेल के कारण पेपर लीक हुआ?
हुड्डा: नहीं।
जस्टिस पारदीवाला: फिलहाल क्या हम पेपर लीक के मुद्दे से हटकर सिस्टम फेल के मुद्दे पर जा सकते हैं?
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: सीकर, महेंद्रगढ़ जैसी जगहों पर जहां कंसंट्रेशन हो रहा है, वहां OMR शीट में हेराफेरी हो रही है। निजी इनविजीलेटर्स के पास 5.20 के बाद OMR शीट आई है। उन्हें शीट भरने और 3 घंटे के बाद सिटी सेंटर में जमा करने से कौन रोकता है?
गुजरात की वह लड़की, जिसे NEET में अच्छे मार्क्स मिले लेकिन वह 12वीं कक्षा में फेल हो गई, बेलगावी के एक केंद्र में क्यों गई थी?
CJI: उस केंद्र में सक्सेस रेट क्या है?
SG: 6%
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: वे कहते हैं कि सवाई माधौपुर में यह मामला है कि गलत पेपर बंट गया और पेपर दोपहर 2 बजे शुरू हुआ। उन्हें शाम 4.30 बजे सोशल मीडिया से पता चला।
CJI ने हुड्डा से कहा: आप यह कैसे साबित करेंगे कि पेपर लीक पूरे देश में फैल गया?
हुड्डा: पेपर लीक के अलावा, मेरा तर्क यह है कि उनका सिस्टम इतना नाजुक है कि इससे लगातार समझौता किया जा रहा है।
CJI ने हुडा से कहा: क्या आप इस NEET को चुनौती दे रहे हैं या आप उन लोगों की तरफ से पेश हो रहे हैं जो NEET बिल्कुल नहीं चाहते हैं?
यदि कोई खामियां हैं, तो हम उसे संबोधित करेंगे। आपने अब तक हजारीबाग, पटना पर बात की है। बहादुरगढ़ में कुछ गड़बड़ियां हैं। आप कैसे कह सकते हैं कि सिस्टम के तौर पर गड़बड़ी हुई है?
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: इससे पता चलता है कि ये व्यवस्थागत गड़बड़ी है। ये सीकर के छात्र नहीं हैं। उन्होंने सीकर में कोचिंग नहीं ली है।
SG: आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? सीकर और कोटा कोचिंग हब हैं।
हुड्डा: गुजरात की एक लड़की कर्नाटक के बेलगावी तक गई और उसे 705 अंक मिले, लेकिन वह 12वीं में फेल हो गई।
CJI: क्या बेलगावी के लोगों का असामान्य रूप से हाई स्कोर करने का डेटा है?
हुड्डा: मैं बताता हूं। सीकर की ओर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वहां व्यवस्थागत गड़बड़ी हुई है। हम दागदार को बेदाग से अलग नहीं कर सकते।
कोर्ट रूम Live
संजय हेगड़े (याचिकाकर्ता के वकील): नेशनल लेवल पर हर 1000 में से 6 लोगों ने एवरेज 650 अंक से ऊपर स्कोर किया है। जबकि सीकर में हर 4 में से 1 कैंडिडेट्स ने 650 से ज्यादा स्कोर किया है। इस पर ध्यान देना चाहिए।
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: राजकोट में एक सेंटर ऐसा है, जहां 12 कैंडिडेट्स ने 700 से ऊपर, 115 ने 650 से ऊपर मार्क्स हासिल किए हैं। इस सेंटर के बारे में कुछ खास है।
सीकर में 700 से ऊपर 8 कैंडिडेट्स, 650 से ऊपर 69 कैंडिडेट्स, 600 से ऊपर 115 कैंडिडेट्स, 550 से ऊपर स्कोर करने वाले 241 कैंडिडेट्स हैं।
हुड्डा: सिटी कोऑर्डिनेटर ही इन स्कूलों के ओनर हैं। ये प्राइवेट स्कूल हैं। इनविजिलेटर इन स्कूलों के कर्मचारी हैं। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि ये टीचर्स कोटा और सीकर के कोचिंग सेंटरों से मिले हुए हैं।
CJI: अगर ऐसा है भी तो क्या यह पूरे देश के लिए परीक्षा रद्द करने या सीकर के लिए परीक्षा रद्द करने का आधार हो सकता है?
सरकार ने 3 गलती मानी

कोर्ट रूम Live
CJI: क्या कोई भी कैंडिडेट अपनी मर्जी से कोई भी सेंटर चुन सकता है? इसके लिए डॉक्यूमेंट्स जमा करना जरूरी नहीं है?
हुड्डा: नहीं।
CJI: क्या रजिस्ट्रेशन के दौरान किसी भी स्टेज में कैंडिडेट्स ये सूचित करते हैं कि वो कहां के निवासी हैं ?
SG: मैं सूचित करता हूं।
CJI: अब तक हमने हजारीबाग, झज्जर, सीकर पर बात की है।
याचिकाकर्ता के वकील मैथ्यूज नेदुम्परा: मुझे थोड़ा समय चाहिए, बस 10 मिनट।
कोर्ट रूम Live
हुड्डा: इनका सिस्टम ऐसा है की अगर मैं तमिलनाडु का निवासी हूं और मुझे सीकर में एग्जाम सेंटर चाहिए, तो मैं बस सीकर का पता लिख सकता हूं और मुझे सेंटर मिल जाएगा।
लोग ओडिशा और कर्नाटक से गोधरा तक एग्जाम देने गए हैं। 700 से जायदा मार्क्स पाने वाली एक लड़की 12वीं कक्षा में फेल हो गई। एड्रेस वेरीफाई करने की कोई प्रोसेस नहीं बनाई गई है।
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: 4 जून और 20 जुलाई को जारी किए गए एनालिसिस में काफी अंतर है। बिहार में कैंडिडेट्स के अटेंडेंस में लगभग 13,000 का फर्क है। ये संख्या कम कैसे हो गई?
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: डेटा एनालिसिस करने के बाद ये पता चलता है कि कुछ सेंटर हैं जो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। कैंडिडेट्स नहीं, सेंटर्स हैं। कोटा और सीकर दोनों में परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या बराबर है। अगर हम देश के टॉप सेंटर्स की गिनती करें, जहां छात्रों को 650 से ज्यादा अंक मिलते हैं, तो 50 में से 38 केंद्र केवल सीकर से हैं।
CJI (हुड्डा की दलील को संक्षेप में बताते हुए): कोटा और सीकर दोनों में बराबर कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी। जिन 50 केंद्रों पर 650 से अधिक मार्क्स वाले कैंडिडेट्स हैं उनमें से 38 सीकर के हैं। 6 महेंद्रगढ़, रेवाड़ी से हैं।
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: OMR शीट को सील करने का समय क्या है? इसका उल्लेख नहीं है। यह सेंटर में ही पड़ी रहती है। NTA ने इसके लिए कोई प्रक्रिया निर्धारित नहीं है। यदि 5.20 बजे OMR शीट कलेक्ट की जाती है, तो उन्हें 5.30 बजे सील करना होगा।
CJI: परीक्षा होने के कितने समय बाद सील की जाती है?
हुड्डा: यह मुझे उनकी पूरी SOP में कहीं भी नहीं मिला।
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: झज्जर के बारे में पहले उन्होंने कहा कि केनरा बैंक का पेपर दिया गया और उसका इवैल्यूएशन किया गया। अब उनका कहना है कि ग्रेस मार्क्स नहीं दिए गए और एक्स्ट्रा टाइम दिया गया। ये फैसला किसने लिया?
हुड्डा: हरदयाल स्कूल में जिस छात्र को 719 अंक मिले और रैंक 68 थी, दोबारा टेस्ट के बाद रैंक 58 हजार है। अब उन्हें यह नहीं पता कि केनरा बैंक का पेपर दिया या SBI का। 4 जून को SBI पेपर की आंसर की दी गई। 4 जून को उन्होंने ग्रेस मार्क्स दिए जाने का खुलासा नहीं किया।
हुड्डा: सीकर में 49 सेंटर हैं। 49 में से एक केंद्रीय विद्यालय है। बाकी सभी प्राइवेट स्कूल हैं। उनके सभी इंचार्ज और कोऑर्डीनेटर निजी व्यक्ति हैं। उन्होंने गांव के एक स्कूल की तस्वीरें दिखाई हैं, जहां परीक्षा हुई, वहां चारदीवारी तक नहीं है।
कोर्ट रूम LIVE
NTA के वकील: हरदयाल स्कूल में ग्रेस मार्क्स दिए गए।
CJI: हरदयाल स्कूल में सभी छात्रों ने केनरा बैंक का पेपर लिखा था। उन्हें ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए? अब मिस्टर हुडा, आपको बात खत्म करनी होगी।
SG: मेरे विद्वान मित्र तर्क दे रहा है कि पूरे देश की परीक्षा खराब हो गई है। कुछ गलतियों के उदाहरण देने से शायद उसे मदद न मिले।
हुड्डा: मैं कह रहा हूं कि व्यवस्थागत विफलता है।
कोर्ट रूम LIVE
CJI: क्या झज्जर में सिटी कोऑर्डिनेटर केनरा बैंक गए और सभी सेंटर्स में पेपर बांटे या केवल कुछ को?
हुड्डा: दोनों बैंकों से कलेक्शन किया।
CJI: ऐसा कैसे हुआ? और क्या उन्होंने सभी सेंटर्स में कैनरा बैंक के पेपर बांटे?
NTA: उन्होंने झज्जर में तीन सेंटर्स पर केनरा बैंक के पेपर बांटे। दो सेंटर्स पर से गलती का अहसास होने पर इसे वापस ले लिया गया। एक सेंटर पर गलत पेपर पहुंचा।
हुड्डा: एक और गलती है। हरदयाल स्कूल में कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए। उनमें से 6 को पूरे अंक मिले। यदि केनरा बैंक का पेपर दिया गया तो ग्रेस मार्क्स देने का सवाल ही कहां था।
SG: यह एक गलती थी, बाद में सुधार लिया गया। जहां भी शुरू में गलत पेपर दिया गया था, उसे वापस ले लिया गया और नया पेपर दिया गया। इसमें देरी हुई इसलिए ग्रेस मार्क्स दिए गए।
CJI: जिन छात्रों को गलत क्वेश्चन पेपर दिए गए थे, उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, जिसे बीच में ही वापस ले लिया गया।
SG: हां
हुड्डा: इस कोर्ट के समक्ष NTA के बयान से पता चलता है कि हरदयाल स्कूल के छात्रों को भी ग्रेस मार्क्स दिए गए थे।
CJI ने NTA से कहा: हरदयाल स्कूल के छात्रों ने केवल केनरा बैंक का पेपर लिखा। क्या उन्हें भी ग्रेस मार्क्स दिए गए?
NTA के वकील: मैं सूचित करता हूं।
हुड्डा: यह व्यवस्थागत विफलता है।
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: सब पर्दे के पीछे हो रहा है, कुछ बताया नहीं जा रहा।
SG, NTA से CJI ने कहा:
- केनरा बैंक के क्वेश्चन पेपर कितने सेंटर्स पर बांटे?
- उन सेंटर्स में से कितने सेंटर्स पर सही क्वेश्चन पेपर (SBI पेपर) बदले गए?
- केनरा बैंक के क्वेश्चन पेपर का इवैल्यूएशन कुल कितने सेंटर्स पर किया गया?
- एक बार जब केनरा बैंक के पेपरों का इवैल्यूएशन किया गया, तो उम्मीदवारों का प्रदर्शन कैसा रहा?
- केनरा बैंक को कैसे पता चला कि वह व्यक्ति क्वेश्चन पेपर देने के लिए सही व्यक्ति है? ये अथॉरिटी कौन देता है?
SG: डायरेक्सेटर जनरल लेकर सिटी को ऑर्डीनेटर तक।
CJI: क्या एसबीआई और केनरा बैंक दोनों के लिए अथॉरिटी हैं या केवल एक के लिए?
SG: यह दोनों बैंकों के लिए है। सिटी कोऑर्डिनेटर को सुबह ही बता दिया जाता है कि किस बैंक में जाना है।
कोर्ट रूम LIVE
CJI: ठीक है, अगर ये मान लें कि गलत चीजें हुईं, हमें डेटा दिखाओ, लीक कैसे व्यापक था।
हुड्डा: मुझे दो मिनट दीजिए।
CJI: 11.30 बजे चुके हैं..
हुड्डा: 1563 में से 863 ही दोबारा परीक्षा में शामिल हुए।
CJI: 1563 का कैलकुलेशन कैसे हुआ है?
हुड्डा: उन्होंने ये खुलासा नहीं किया है।
SG: ऐसे 8 सेंटर थे।
कोर्ट रूम LIVE
NTA: 3300 कैंडिडेट ने गलत पेपर (केनरा बैंक) के साथ परीक्षा दी।
हुड्डा: उन्होंने केनरा बैंक पेपर का इवैल्यूएशन कैसे किया, जबकि उन्होंने केवल SBI पेपर के लिए आंसर की जारी की है?
CJI: उनके पास केनरा बैंक की आंसर की होनी चाहिए।
हुड्डा: केनरा बैंक के पेपर की आज तक कोई आंसर की जारी नहीं हुई।
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: 4 जून को केवल एक ही पेपर के लिए आंसर की जारी की थी। केवल SBI पेपर के लिए। उन्होंने केनरा बैंक के पेपर का इवैल्यूवेएशन कैसे किया?
NTA: ग्रेस मार्क्स केवल उन छात्रों को दिए गए थे जिनका पेपर (केनरा बैंक) बीच में ही वापस ले लिया गया था और एसबीआई का पेपर दिया गया था।
कोर्ट रूम LIVE
NTA: कुछ केंद्रों में बीच में ही गलत क्वेश्चन पेपर वापस ले लिए गए और सही क्वेश्चन पेपर बांटे गए। उन सेंटर्स में छात्रों को समय गवांने को लेकर ग्रेस मार्क्स दिए गए थे।
CJI: कितने सेंटर्स पर ऐसा हुआ?
NTA के वकील: हम सही नंबर देंगे।
CJI: ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए?
SG: मेरे हिसाब से यह सही फैसला नहीं था। जाहिर है फैसला है कि अगर समय की दिक्कत हो तो ग्रेस मार्क्स दिए जाएं। बाद में फैसला वापस लिया गया और दोबारा टेस्ट कराया गया।
कोर्ट रूम LIVE
CJI: तो झज्जर में छात्रों ने केनरा बैंक के पेपर सॉल्व किए हैं? वास्तव में क्या हुआ?
NTA वकील: झज्जर एक नया केंद्र था। शायद सिटी कोऑर्डिनेटर ने मैसेज नहीं देखा होगा, नतीजा दोनों जगह से पेपर उठा लिया।
CJI: क्या बैंकों को सूचित नहीं किया गया है कि आपको पेपर रिलीज नहीं करना है? केनरा बैंक को यह नहीं बताया गया था कि उन्हें पेपर देना है या नहीं?
SG: बैंक को मैसेज चला जाता है।
CJI: तो झज्जर का केंद्र प्रभारी केनरा बैंक में कैसे गया?
NTA: यह को-ऑर्डीनेटर और बैंक दोनों की गलती थी।
NTA: केनरा बैंक का पेपर पाने वाले उम्मीदवारों की संख्या 3000 से ज्यादा है।
NTA ने बताया कि 8 केंद्रों पर गलत बुकलेट (केनरा बैंक पेपर) बांट दी गई।
NTA के वकील का कहना है कि दोनों पेपर सेट (SBI और केनरा बैंक) की डिफिकल्टी लेवल बराबर है।
कोर्ट रूम LIVE
CJI: हमारे पास अभी तक यह बताने के लिए कोई सबूत नहीं है कि पेपर लीक कितना व्यापक था और पूरे देश में फैला हुआ था।
हुड्डा: वे कहते हैं 24 अप्रैल को पेपर डिस्पैच हुआ। 3 मई को पेपर बैंक में पहुंच जाता है।इसलिए 24-3 मई के बीच पेपर निजी खिलाड़ियों के हाथ में रहे।
हुड्डा: हरदयाल स्कूल झज्जर का उदाहरण लें तो प्रिंसिपल दोनों बैंकों में जाकर कागजात लेते हैं। केनरा बैंक से पेपर बांटा जाता है। जब यह सामने आया कि छह छात्रों को 720/720, दो को 719 और 718 अंक मिले, तो पूछा गया कि एक केंद्र से इतने सारे टॉपर कैसे आए। तब NTA ने बयान दिया था कि देरी होने के कारण उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं। लेकिन प्रिंसिपल का कहना है कि कोई देरी नहीं हुई और केनरा बैंक का पेपर बांट दिया गया, लेकिन एसबीआई का पेपर बांटना पड़ा।
हुड्डा: हरदयाल स्कूल ने केनरा बैंक के पेपर बांटे।
CJI: कब तक?
हुड्डा: पूरे समय, कोई देरी नहीं हुई। जब केनरा बैंक का पेपर नहीं देना था तो कैसे दे दिया? तो फिर सही तरीका क्या है? प्रिंसिपल का कहना है कि उन्हें दोनों बैंकों से पेपर मिले हैं।
CJI: झज्जर का यह व्यक्ति पेपर लेने के लिए केनरा बैंक कैसे गया?
SG: इसमें गलती हो सकती है।
कोर्ट रूम LIVE
याचिकाकर्ताओं के वकील संजय हेगड़े: कृपया अनुराग यादव के बयान को पढ़ें। वह स्टूडेंट है। बाकी सभी गिरोह के सदस्य हैं।
CJI: अनुराग यादव का कहना है कि उसे 4 तारीख की रात को क्वेश्चन पेपर मिला। फिर भी हमें यह देखना होगा कि क्या पेपर लीक स्थानीय है और केवल हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है या क्या यह व्यापक और सिस्टमेटिक है।
कोर्ट रूम LIVE
SG: उन्होंने पेपर को दो भागों में बांट दिया और 25-30 क्वेश्चन सॉल्व किए। कंप्यूटर और किताबों से 25 प्रश्न आसानी से हल किए जा सकते हैं।
हमने एक विशेष केंद्र और राज्य की सफलता दर की तुलना पिछले सालों के रिजल्ट से की है। कोई असामान्यता नहीं है।
जैसे-जैसे उन्होंने पेपर हल करना शुरू किया, उन्होंने आंसर देना शुरू किया। उन्होंने एक बार में नहीं दिया। पहले बायोलॉजी, फिर फिजिक्स और केमिस्ट्री।
कोर्ट रूम LIVE
CJI: सभी सॉल्वर स्टूडेंट्स ही हैं। इनमें से कोई भी प्रोफेसर नहीं है।
SG: मुझे बताया गया है कि इस काम के लिए छात्र बेहतर तरीके से तैयार होते हैं।
CJI: कुछ AIIMS पटना से हैं, कुछ रांची से और कुछ राजस्थान से हैं।
कोर्ट रूम LIVE
सॉलिसिटर जनरल ने बिहार के विवादित एग्जाम सेंटर के बारे में कहा- हमने इस सेंटर के सक्सेस रेट की तुलना 2022 और 2023 के रिजल्ट से की है। इसमें कोई बदलाव नजर नहीं आया है।
कोर्ट रूम LIVE
CJI: आरोपियों के बयान अलग-अलग हैं। अमित आनंद के एक बयान में कहा गया है कि लीक 4 तारीख की रात को हुआ था। दूसरे बयान में कहा गया है कि यह 5 तारीख की सुबह व्हाट्सएप पर पेपर मिला था। अमित आनंद के बयान अलग-अलग हैं। यदि पेपर लीक (4 मई) की रात को हुआ है, तो जाहिर है कि लीक ट्रांसपोर्टेशन के दौरान नहीं, बल्कि स्ट्रॉन्ग रूम वॉल्ट से पहले हुआ था।
कोर्ट रूम LIVE
CJI: अमित आनंद के बयान से पता चलता है कि छात्र 4 तारीख की रात आंसर याद करने के लिए इक्कठे हुए थे।
SG ने अदालत से मामले को समझने के लिए बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की रिपोर्ट पढ़ने का अनुरोध किया।
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: भारत सरकार जांच बाधित कर रही है।
SG: भारत सरकार मत कहिए, मैं सरकार की तरफ से छात्रों के प्रति और कोर्ट के प्रति जवाबदेह हूं।
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: नितीश, अमित आनंद और सिकंदर प्रसाद के बयान हैं। उनके 161 बयानों से पता चलता है कि पेपर लीक परीक्षा से काफी पहले हुआ है।
CJI: इससे पता चलता है कि छात्रों को 4 मई की शाम को याद करने के लिए पेपर मिल चुका था। इसका मतलब है कि लीक 4 मई से पहले हुआ था।
कोर्ट रूम Live
सॉलिसिटर जनरल: अमित आनंद (CBI द्वारा अरेस्ट किया गया आरोपी) एक बिचौलिया है। वह 4 तारीख की रात छात्रों को इकट्ठा कर रहा था, ताकि 5 तारीख को पेपर दिलवा सके। 5 तारीख को जहां पर्चा मिला, वहां नीतीश (बिहार पुलिस द्वारा अरेस्ट किया गया आरोपी) था।
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: अनुराग यादव, संजीव कुमार के बेटे हैं।
CJI: अनुराग यादव का स्टेटमेंट क्या है?
हुड्डा: नितीश कुमार, सियाराम प्रसाद के बेटे भी आरोपी हैं।
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: क्वेश्चन पेपर बैंकों में जमा होने से पहले लीक हो गया। यानी 3 मई या उससे पहले। ऐसा नहीं है कि कोई चपरासी पेपर रूम में गया और कुछ 5-10 छात्रों को पेपर दे दिया। यह किसी गिरोह का काम है, जो पहले भी ऐसा कर चुका है। संजीव मुखिया समेत सभी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। हुड्डा ने बिहार पुलिस द्वारा लिए गए एक आरोपी अनुराग यादव के बयान का हवाला दिया।
कोर्ट रूम LIVE
हुड्डा: क्वेश्चन पेपर को ई-रिक्शा में ले जाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यह ओएमआर शीट थी।
CJI: क्वेश्चन पेपर ई-रिक्शा में नहीं ले जाया जा रहा था, इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन उनका कहना है कि तस्वीर OMR शीट की है। ई-रिक्शा में क्वेश्चन पेपर ले जाना क्रिएट किया गया है।
CJI: सेंटरवाइज और सिटीवाइज रिजल्ट एनालिसिस से क्या पता चला है?
हुड्डा: हमने एनालिसिस के आधार पर एक नोट जमा किया है। वे पेपर लीक स्वीकार करते हैं, वे स्वीकार करते हैं कि व्हाट्सएप पर पेपर बंटा । बिहार पुलिस के एविडेंस से पता चलता है कि छात्रों को 4 तारीख को लीक पेपर दिया गया था। 5 मई की सुबह लीक नहीं हुआ।
कोर्ट रूम LIVE
याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा: NTA ने रिजल्ट जारी कर दिए हैं। उन्होंने ऑल इंडिया रैंक नहीं दी है, उन्होंने परीक्षा केंद्रों का क्रम नहीं दिया है। सेंटर और सिटी वाइज रिजल्ट दिया है। परीक्षा केंद्रों की ऑल इंडिया रैंक और सीरियल नंबर रोक दिए हैं।
NEET पर चौथी सुनवाई शुरू
CJI चंद्रचूड़ की बेंच के सामने NEET पर ये चौथी सुनवाई शुरू हो गई है। आज रीएग्जाम पर फैसला आ सकता है।
जल्द शुरू होगी सुनवाई
याचिकाकर्ताओं की तरफ से नरेंद्र हुड्डा ने CJI की बेंच के सामने दलील रखी। कांग्रेस की तरफ से इंटरवेंशन याचिका का जिक्र भी हुआ।
NTA ने जमा किया नया हलफनामा
सोमवार को NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा जमा किया है। इसमें कहा है कि NEET UG रिजल्ट की डेटा एनालिसिस रिपोर्ट IIT मद्रास ने तैयार की है, लेकिन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर की भूमिका पर सवाल उठाना गलत है। दरअसल, डायरेक्टर खुद NTA के सदस्य नहीं हैं।
SC ने NTA को सिटी-सेंटर वाइज रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था
पिछली सुनवाई 18 जुलाई को हुई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने NTA को 20 जुलाई तक NEET UG एग्जाम का सिटी और सेंटरवाइज रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था।
रिजल्ट जारी करते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि 700 से ज्यादा स्कोर करने वाले कैंडिडेट्स पूरे देश में बंटे हुए हैं। इससे पता चलता है कि की मेरिट लिस्ट में सिर्फ देश के कोचिंग हब के बच्चे नहीं हैं।

NTA ने माना था गोधरा, पटना में गड़बड़ी हुई, यहां कोई टॉपर नहीं
NEET परीक्षा 4,750 सेंटर्स पर 5 मई को हुई थी। इसमें 24 लाख कैंडिडेट्स शामिल हुए थे। NTA ने सिटी-सेंटर वाइज रिजल्ट जारी कर दिया है। NTA ने सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में ये माना था कि गोधरा और पटना के एग्जाम सेंटर्स पर गड़बड़ी हुई थी। गोधरा और हजारीबाग सेंटर्स से कोई भी कैंडिडेट टॉपर नहीं है।

हरियाणा के झज्जर एग्जाम सेंटर से भी टॉपर नहीं
हरियाणा के झज्जर के हरदयाल पब्लिक स्कूल सेंटर से एक साथ 6 टॉपर्स आने से रिजल्ट पर सवाल खड़े हुए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक सभी ने 720 में से 720 मार्क्स स्कोर किए थे। सेंटर वाइज रिजल्ट में अब इस सेंटर पर एग्जाम देने वाले 494 कैंडिडेट्स में से एक भी कैंडिडेट का स्कोर 720 नहीं है।

NEET मामले में अब तक 53 लोग गिरफ्तार
CBI ने पेपर लीक के मुख्य आरोपी – शशिकांत पासवान को 20 जुलाई को पटना से गिरफ्तार किया। ये NIT जमशेदपुर से BTech ग्रेजुएट है। इसके अलावा राजस्थान के भरतपुर मेडिकल कॉलेज से दो MBBS स्टूडेंट्स को भी गिरफ्तार किया गया है। सेकेंड ईयर स्टूडेंट कुमार मंगलम बिश्नोई और फर्स्ट ईयर स्टूडेंट दीपेंद्र शर्मा 5 मई को हजारीबाग में मौजूद थे। ये सॉल्वर का काम कर रहे थे।
इसी दिन NEET UG का एग्जाम था। ये पेपर चुराने वाले पंकज कुमार के लिए सॉल्वर का काम कर रहे थे। पंकज को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। अब तक देश के 7 राज्यों से 53 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं, CBI ने 6 अलग-अलग मामलों में कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया है।

NEET कंट्रोवर्सी में अब तक क्या-क्या हुआ..

NEET से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें..
NEET के जिन सेंटर्स पर गड़बड़ी हुई, वहां टॉपर नहीं:रिजल्ट जारी; CBI ने BTech ग्रेजुएट समेत 3 को गिरफ्तार किया, ये सॉल्वर गैंग से जुड़े

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA ने शनिवार, 20 जुलाई को NEET UG एग्जाम का सिटी और सेंटरवाइज रिजल्ट जारी कर दिया।
NEET पेपर लीक में पहचान बदलकर मेडिकल कॉलेज पहुंची CBI:डॉक्टरी कर रहे 2 स्टूडेंट गिरफ्तार, भरतपुर में किराए के कमरे में रह रहे थे

NEET पेपर लीक मामले में CBI ने भरतपुर (राजस्थान) के जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज के दो स्टूडेंट को गिरफ्तार किया है। दोनों स्टूडेंट ने डमी कैंडिडेट बनकर हजारीबाग (झारखंड) में 5 मई को पेपर दिया था।