राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में ग्रेड-फर्स्ट पद ( क्लर्क) पर तैनात एक महिला को SOG ने गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि महिला ने साल 2018 में कनिष्ठ सहायक (LDC) की परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से नकल करके पास की थी। परीक्षा में पास होने के बाद उसे नौकरी मिली और बाद में प्रमोशन होकर वह ग्रेड-फर्स्ट कर्मचारी बन गई। RPSC को जब इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत SOG को सूचना दी। SOG की टीम अब महिला से पूछताछ कर रही है।” नकल के लिए बनाया पूरा नेटवर्क
आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि बीकानेर के नोखा तहसील के गांव कुचौर अगुणी की रहने वाली सरोज विश्नोई को SOG ने गिरफ्तार किया है। मेहता ने बताया कि आयोग को इस बारे में गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद 24 मार्च 2025 को SOG को इसकी जानकारी दी गई। सरोज बिश्नोई ने साल 2018 में LDC की परीक्षा में एक पूरे गिरोह की मदद से नकल की थी। पौरव कालेर नाम का व्यक्ति इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड था। जांच में सामने आया कि पहले पौरव ने अपने साथियों दिनेश सिंह और राजू मैट्रिक्स की मदद से नरेश दान से पेपर लीक करवाया। फिर इस लीक पेपर को हल करवाया गया। परीक्षा के दौरान पौरव ने ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए सरोज को सारे जवाब डिक्टेट किए, जिससे वह परीक्षा पास कर सकी। पेपर हल करवाने के लिए दी गई मोटी रकम
मेहता के अनुसार सरोज ने इस नकल के बदले पौरव कालेर को मोटी रकम दी थी। इस तरह से नकल करके सरोज ने न सिर्फ नौकरी हासिल की, बल्कि परीक्षा की पवित्रता को भी भंग किया। SOG ने सरोज को RPSC कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पटवारी भर्ती परीक्षा में भी पौरव का नाम आया था सामने
पटवारी भर्ती परीक्षा-2021 में नकल गैंग चलाने वाले पौरव का नाम सामने आने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। पौरव के चाचा तुलछाराम कालेर और पत्नी भावना गोस्वामी को REET में ब्लूटूथ लगी चप्पल से नकल के मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पौरव ने बताया था कि वह राजाराम बिश्नोई के साथ मिलकर यह काम करता था। अभ्यर्थी राजाराम बिश्नोई भर्ती परीक्षाओं में कैंडिडेट्स की लिस्ट जुटाकर उनमें से नकल के इच्छुक युवाओं को ढूंढता था। पौरव को नकल करवाने का सौदा 5 से 7 लाख रुपए में तय करता था। राजाराम नकल गिरोह संचालन करने की जानकारियां पौरव से लेता था। इस नकल गिरोह का एक सक्रिय सदस्य बाबूलाल मूण्ड परीक्षार्थियों को चिह्नित करता था और नकल गिरोह सरगना पौरव से अभ्यर्थी को मिलवा देता था। पेपर का सौदा बड़ी रकम में तय करते और परीक्षा से 2 दिन पहले अपने गुप्त स्थान पर बुलाकर ट्रेनिंग देते थे। इस दौरान बताते थे कि इलेक्ट्रिक उपकरणों का उपयोग कैसे करना है?

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