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SDM एपीओ, तहसीलदार निलंबित:कुंभलगढ़ सेंचुरी; भूमि की किस्म बदल दी, पहाड़ों में भी रास्ते दिए

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कुंभलगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के इको सेंसेटिव जोन के आसपास पिछले 6 माह में आदिवासियों की करीब 100 बीघा जमीनों की खरीद-फरोख्त हुई। इस एरिया में होटलों के लिए 82 फाइलों में एसडीएम व तहसीलदार की मिलीभगत से बड़े स्तर पर गड़बड़ियां की गईं। एसडीएम नीलम लखारा के स्तर से होटल व रिसोर्ट के लिए मई में 14 कन्वर्जन कर दिए गए। इन फाइलों में न वन विभाग की एनआसी ली और न सेंचुरी नियमों की पालना की गई। शिकायत पर सरकार ने एक जून काे एसडीएम लखारा काे एपीओ कर दिया। वहीं, पांच जून काे कुंभलगढ़ तहसीलदार पर्वतसिंह काे निलंबित कर दिया। भास्कर ने इस मामले की पड़ताल कि ताे कई खुलासे हुए। कुंभलगढ़ फोर्ट के आसपास अभी करीब सौ से ज्यादा होटल व रिसोर्ट हैं। करीब एक दर्जन नए होटल व रिसोर्ट बन रहे हैं। पिछले छह महीने में कुंभलगढ़ एरिया में भूमि कन्वर्जन की करीब 82 फाइलें स्वीकृत हाे गई हैं। नौ फाइलों में कन्वर्जन का पैसा जमा नहीं हाेने पर भी एसडीएम स्तर पर काेई कार्रवाई नहीं हुई। एसडीएम ने 4 मामलों में गैर मुमकिन पहाड़ में बांट दिए होटलों के लिए रास्ते, तहसीलदार ने भी बिना देखे अनुमति दे दी… एसडीएम नीलम लखारा ने कुंभलगढ़ सेंचुरी एरिया के नजदीक गवार, वरदड़ा, कड़िया में गैर मुमकिन पहाड़ किस्म में भी चार मामलों में रास्ते दे दिए। यह काम एसडीएम के स्तर से हुआ लेकिन इसमें तहसीलदार पर्वतसिंह ने बिना देखे अनुमति दे दी। नियमानुसार, पहाड़ों में रास्ता दर्ज नहीं किया जा सकता। लेकिन इन्होंने राजस्व अधिनियम 251 के तहत प्रकरण दर्ज कर रास्ते आवंटित कर दिए। इस मामले में कलेक्टर ने भी इन अफसरो काे चार्जशीट दी है। वहीं काेर्ट केस के 21 प्रकरणों की पालना में भी इन्होंने झूठ बाेला। इसकी शिकायत भी सरकार के पास पहुंची है। “गरीबों की जमीनें बिक रही हैं। मैंने सीएम तक बात पहुंचाई थी। 102 बीघा जमीन की गुमराह कर रजिस्ट्रियां करवा दी। पांच साल में कहां-कहां गरीबों की जमीनें हड़पी गईं, यह जांच करवा रहा हूं।”
-सुरेंद्रसिंह राठौड़, विधायक कुंभलगढ़ “गैर मुमकिन पहाड़ किस्म में रास्ते दर्ज करने, काेर्ट केस की पालना नहीं करने, कुछ कन्वर्जन की फाइलों में कमियां रहीं। हम इसकी विस्तृत जांच करवा रहे हैं।”
-बालमुकंद असावा, कलेक्टर राजसमंद एरिया ज्यादा था, जमीन के बंटवारे करके कन्वर्जन का रास्ता निकाला एसडीएम के पास औद्योगिक में 10 हजार वर्गमीटर, कॉमर्शियल में 5 हजार वर्गमीटर व तहसीलदार काे केवल आवासीय में 2 हजार वर्गमीटर तक भूमि कन्वर्जन करने का अधिकार है। कुंभलगढ़ की कई फाइलों में जमीन दाे बीघा से ज्यादा थी। नियमानुसार, इन फाइलों काे कलेक्टर के पास भेजना था। एसडीएम व तहसीलदार ने 10 फाइलों में जमीनों का बंटवारा दिखाकर वहीं पर भूमि कन्वर्जन कर दिया। जिन 82 फाइलों में कन्वर्जन हुआ उनमें अधिकांश में रिकाॅर्ड में पहुंच मार्ग नहीं है। प्रस्तावित भूमि में खड़े हरे पेड़ों की जानकारी छिपाई गई।

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