समरावता हिंसा और एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोपी नरेश मीणा ने मंगलवार को न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। टोंक SC-ST कोर्ट में पेशी के बाद बाहर निकलते समय नरेश मीणा कहा कि सब जगह भ्रष्ट सिस्टम है। 6 महीने से जेल में हूं। नरेश ने कटाक्ष करते हुए कहा कि न्यायपालिका की आंखों से जो पट्टी हटाई है, वह इसलिए हटाई है कि जात (जाति) और धर्म देखकर न्याय कर सके। समरावता में आगजनी, उपद्रव, हिंसा के मामले में मंगलवार को SC-ST कोर्ट टोंक में चार्ज बहस हुई। वहीं, SDM को थप्पड़ मारने के मामले में 9 मई को चार्ज बहस हो चुकी है। दोनों केस में अब अगली सुनवाई 30 मई को होगी। कल हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई
नरेश मीणा के वकील फतेह सिंह मीणा ने बताया- राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर में 21 और 23 मई को जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश से अपील की जाएगी कि यह मामला सामान्य मारपीट का है। पुलिस ने बेवजह मामले को गंभीर धाराओं में दर्ज किया। समर्थकों ने कहा- बड़े नेता के इशारे पर जमानत में देरी
नरेश मीणा के समर्थक सरपंच संघ जिलाध्यक्ष मुकेश मीणा और छान सूर्याबास सरपंच आरडी गुर्जर ने बताया- थप्पड़ मारने पर ही 6 माह से नरेश मीणा जेल में है। जबकि इतना बड़ा अपराध नहीं है। नरेश की जमानत नहीं होने देने के पीछे एक-दो बड़े नेता का हाथ है। लेकिन, अब चुप नहीं बैठेंगे। जल्द ही आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे। कोर्ट परिसर के बाहर नरेश मीणा के समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी की। पोलिंग बूथ पर एसडीएम को मार दिया था थप्पड़
13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर था। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया। उसने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की तो SDM अमित चौधरी ने उसे रोका। इसके बाद नरेश ने तैश में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया। रात को नरेश मीणा को पकड़ने आई पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। स्थिति काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायर किया था। आंसू गैस के गोले छोड़े थे। दूसरे दिन 14 नवंबर को दोपहर करीब 12 बजे पुलिस ने नरेश मीणा को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। नरेश मीणा पर चार मुकदमे लगाए गए थे। कोर्ट के आदेश पर नरेश मीणा को 15 नवंबर को जेल भेज दिया था। इस मामले में पहले उनियारा और टोंक डीजे कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जहां से जमानत खारिज हो चुकी है। अप्रैल में इस केस को नरेश मीणा के वकील ने प्रार्थना पत्र लगाकर SC-ST कोर्ट टोंक में ट्रांसफर करवा लिया। नरेश मीणा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
1. नरेश मीणा बोला-टोंक जेल में मुझे जान का खतरा था:SDM थप्पड़कांड में कोर्ट में पेशी के बाद कहा-वहां हथियार थे, इसलिए बूंदी शिफ्ट करवाया समरावता हिंसा और एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोपी नरेश मीणा ने कहा कि टोंक जेल में हथियार उपलब्ध थे। मेरी जान को खतरा था, इसलिए मैं टोंक जेल से बूंदी जेल शिफ्ट हुआ हूं। नरेश मीणा को सोमवार को बूंदी जेल से SC-ST कोर्ट टोंक में चार्ज बहस के लिए पेशी पर लेकर आए थे। कोर्ट से बाहर निकलते वक्त नरेश ने टोंक जेल में अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर आरोप लगाए। (पढ़ें पूरी खबर) 2. नरेश मीणा 20 साल पुराने मामले में बरी हुए:जज ने कहा- पुलिस ने कोई भी स्वतंत्र गवाह पेश नहीं किया, कॉन्स्टेबल भी पेश नहीं हुआ देवली-उनियारा विधानसभा से उप चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा को गुरुवार को जयपुर महानगर प्रथम की एमएम-20 अदालत ने करीब 20 साल पुराने राजकार्य में बाधा डालने के मामले में बरी कर दिया। जज खुशबू परिहार ने अपने आदेश में कहा- इस मामले में पुलिस ने कोई भी स्वतंत्र गवाह पेश नहीं किया। (पढ़ें पूरी खबर) 3. नरेश मीणा कोर्ट में पेश, नहीं हुई बहस:नए जज के जॉइन नहीं करने से बहस टली, अब 5 मई को होगी सुनवाई गत साल देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के मतदान के दिन हुए उपद्रव, आगजनी और SDM के थप्पड़ मारने के आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की सोमवार को SC, ST कोर्ट में पेशी हुई लेकिन गत दिनों न्यायाधीध का ट्रांसफर होने के बाद नए जज के जॉइन नहीं करने से चार्ज बहस नहीं हुई और ना ही चार्ज बहस के आदेश मिल सके। न्यायाधीश नहीं होने से इस मामले में चार्ज बहस आदि को लेकर कोर्ट की ओर से 5 मई की तारीख दी गई है। (पढ़ें पूरी खबर)
