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CBI ने 11 जुलाई को यह खुलासा किया है कि UGC-NET के कथित पेपर लीक मामले में एक स्कूली छात्र की भूमिका सामने आई है। इस छात्र ने UGC-NET के पेपर का एडिटेड स्क्रीनशॉट वायरल किया था। केंद्र सरकार ने इसे पेपर लीक मानकर परीक्षा रद्द कर दी थी।

CBI के मुताबिक, इस मामले में कोई बड़े पैमाने की साजिश नहीं मिली है। इस छात्र के खिलाफ चार्जशीट दर्ज की जा सकती है। NTA ने यह परीक्षा 18 जून को कराई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने 19 जून को परीक्षा रद्द कर दी थी और जांच CBI को सौंप दी थी।

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छात्रों के हित में कैंसिल की गई परीक्षा : एजुकेशन सेक्रेटरी जयसवाल
एजुकेशन मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी गोविंद जयसवाल ने एग्जाम पर कहा था कि UGC-NET में गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली थी, बल्कि स्टूडेंट के हितों को सुरक्षित रखने के लिए हमने खुद से संज्ञान लिया है।

जयसवाल ने कहा कि हमें एग्जाम में गड़बड़ी होने के इनपुट्स मिले थे, जिसके आधार पर हमने इसे रद्द करने का फैसला लिया। इसकी डिटेल हम सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं।
जयसवाल ने कहा कि हमें एग्जाम में गड़बड़ी होने के इनपुट्स मिले थे, जिसके आधार पर हमने इसे रद्द करने का फैसला लिया। इसकी डिटेल हम सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं।

मामले की जांच CBI को सौंप दी गई है। अब जल्द ही रीएग्जाम की तारीख का ऐलान किया जाएगा। इसके बाद 28 जून को एग्जाम की नई डेट का ऐलान किया गया।

पेन-पेपर मोड में हुआ था एग्जाम

  • UGC NET की परीक्षा 83 सब्जेक्ट्स में हुई थी। एग्जाम एक ही दिन 2 शिफ्टों में हुआ था। पहली शिफ्ट सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक थी और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक थी।
  • UCG के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने बताया था कि देश के 317 शहरों में परीक्षा हुई थी। 11.21 लाख से अधिक पंजीकृत अभ्यर्थियों में से लगभग 81% उपस्थित हुए थे।
  • इससे पहले UGC NET का एग्जाम ऑनलाइन CBT यानी कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट होता था। ये बदलाव इसलिए किया गया, ताकि सभी सब्जेक्ट्स और सभी सेंटर्स पर एग्जाम एक ही दिन में आयोजित किया जा सके। साथ ही दूर-दराज के सेंटर्स में भी एग्जाम आयोजित हो सकें।
  • UGC NET एग्जाम देशभर की यूनिवर्सिटीज में PhD एडमिशन्स, जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी JRF और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए होता है।

UGC NET स्कोर के बेसिस पर मिलेगा PhD प्रोग्राम में एडमिशन
UGC के नए सर्कुलर के मुताबिक अब यूनिवर्सिटी लेवल पर होने वाले PhD एंट्रेंस टेस्ट के जरिए PhD प्रोग्राम में एडमिशन नहीं मिलेगा। वहीं, यूनिवर्सिटीज अलग से PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट भी कंडक्ट नहीं कर सकेंगी।अब NET स्कोर के बेसिस पर ही यूनिवर्सिटीज में PhD में एडमिशन ले सकेंगे। इसी स्कोर के जरिए ही JRF (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए भी सिलेक्शन होगा। इस स्कोर के बेसिस पर 1 साल तक किसी भी यूनिवर्सिटी में PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए अप्लाय कर सकेंगे।

NET के रिजल्ट के बाद स्कोर के बेसिस पर स्टूडेंट्स को तीन कैटेगरीज में बांटा जाएगा :

कैटेगरी 1 : JRF के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपॉइंटमेंट

कैटेगरी 2 : PhD और असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपॉइंटमेंट

कैटेगरी 3 : PhD में एडमिशन

स्टूडेंट्स को नहीं देने होंगे अलग-अलग एंट्रेंस एग्जाम
सिर्फ NET के जरिए PhD प्रोग्राम में एडमिशन से स्टूडेंट्स को अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के अलग-अलग PhD एंट्रेंस एग्जाम नहीं देने होंगे। इससे एग्जाम के रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाली फीस की बचत भी होगी। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP, 2020) के तहत एक कॉमन एग्जाम होने से एडमिशन प्रोसेस आसान होगी और स्टूडेंट्स को बार-बार एग्जाम देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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