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जिले के इटावा कस्बे में जीएसएस पर करंट लगने से ऑपरेटर की मौत हो गई। परिजनों ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मोर्चरी के बाहर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई व 20 लाख की आर्थिक सहायता और एक परिवार के एक सदस्य को नौकरी की डिमांड की है। मौके पर जयपुर विद्युत वितरण निगम के एक्सईएन पहुंचे है। परिजनों से समझाइश कर रहे है। हादसा रविवार दोपहर 3-4 बजे के बीच हुआ। चचेरे भाई कन्हैया लाल ने बताया कि गजेंद्र सिंह (41) 12 साल से जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में टेक्नीशियन था। पिछले 4 साल से इटावा में पोस्टेड था। रविवार को तबियत खराब होने के बाद भी अधिकारी ने उसे कोटा से इटावा बुलाया। गजेंद्र सिंह इटावा के जीएसएस पर ऑपरेटर था। दोपहर में 3 से 4 बजे के करीब फीडर पर काम करते समय करंट की चपेट में आ गया। अचेत होकर गिर गया। जीएसएस पर अन्य कोई स्टाफ नहीं था। करीब दो घंटे बाद स्टाफ को कोई व्यक्ति वहां पहुंचा तब घटना का पता लगा। स्टाफ के लोगों ने परिजनों को एमबीएस हॉस्पिटल पहुंचने को कहा। इतनी बड़ी घटना होने के बाद ना तो जेईएन, ना ही एईएन मौके पर पहुंचे। हमारी मांग है फीडर की जांच हो, साथ ही दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। परिवार के एक सदस्य को नौकरी को 20 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए।
गजेंद्र कोटा के बोरखेड़ा इलाके में इंद्रा विहार इलाके में रहता था। उसके दो बेटियां (7 व 9 साल) है। पिता की 7-8 महीने पहले मौत हो चुकी। एक्सईएन आशीष माहेश्वरी ने बताया कि घटना 3 से 4 बजे के बीच की है। घटना के बाद बेहोशी की हालत स्टाफ के लोग गजेंद्र को इलाज के लिए इटावा हॉस्पिटल लेकर गए। फिर वहां से कोटा लेकर आए। कोटा लाते समय परिजनों को सूचना दे दी थी। परिजन व रिश्तदार अलग अलग डिमांड कर रहे है।मामले की जांच करवाई जाएगी। बातचीत से समझाइश की कोशिश की जा रही है। पीड़ित परिवार की नियमानुसार मदद की जाएगी। इटावा थाना हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश ने बताया कि जीएसएस पर हादसा हुआ था। शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर है। परिजनों से बातचीत कर रहे है। परिजनों की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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