चित्तौड़गढ़ में बाल संरक्षण विषयक जागरूकता को लेकर मंगलवार देर शाम को नुक्कड़ नाटक का आयोजन हुआ। यह आयोजन जिला पुलिस ने यूनिसेफ की मदद से आयोजित किया। नुक्कड़ नाटक के जरिए बालश्रम रोकने का संदेश दिया।
इस दौरान एसपी सुधीर जोशी ने कहा कि कानून तो बन गया है, लेकिन जब तक इससे समाज नहीं जुड़ेगा तब तक बालश्रम को रोकना आसान काम नहीं है। बच्चों को पढ़ने का मौका मिलना चाहिए, ना कि काम करने का। बाल संरक्षण विषयक जागरूकता अभियान
जिला पुलिस और यूनिसेफ ने मिलकर बाल संरक्षण विषयक जागरूकता अभियान की मंगलवार देर शाम को शुरुआत की। गोल प्याऊ चौराहे पर स्थित राजकीय बालिका स्कूल में एक प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें बालश्रम से जुड़ा हुआ नुक्कड़ नाटक किया गया। नुक्कड़ नाटक में मनोरंजन रूप से बताया गया कि बालश्रम करना एक अपराध है और इसको किस तरह से रोका जा सकता है। इस दौरान शहर डीएसपी तेजप्रकाश पाठक और कई लोग मौजूद रहे। समाज जुड़ेगा तभी रुकेगा बालश्रम
इस दौरान एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि हमारे देश में कई मुद्दे हैं, उनमे सबसे बड़ा मुद्दा बालश्रम का है। कानून तो बन गया है, लेकिन जब तक समाज नहीं जुड़ेगा, तब तक उनको रोक पाना आसान नहीं है। नुक्कड़ नाटक के जरिए बालश्रम के बारे में समझाया गया है। हम अपने आसपास भी कई छोटे बच्चों को काम करते हुए देखते हैं। बच्चों के में मन में रहता होगा कि उन्हें स्कूल जाने का मौका मिले। भविष्य बनाने का मौका मिले।
यकीन मानिए कि सरकार की ऐसी कई योजनाएं है, जिसमें जो बच्चा पढ़ना चाहता है, उन्हें अवसर मिल सकता है। लेकिन कुछ परिजनों की परिस्थितियों होती है, कुछ बालश्रम कर रहे हैं बच्चों का लालच और कुछ समाज की उदासीनता, जिसकी वजह से यह बालश्रम कंट्रोल नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमें जागरूक होना चाहिए। हमें किसी भी बच्चों से बाल श्रम नहीं करवाना चाहिए और अगर आसपास भी देखते हैं तो उन्हें टोकना चाहिए ताकि जो बालश्रम करवा रहे हैं उनकी हिम्मत भी ना हो। हेलमेट है जरूरी
उन्होंने इस दौरान रोड एक्सीडेंट के बारे में भी कहा कि जब हम अपने मोबाइल को बचाने के लिए जतन करते हैं। नया कवर लगाते हैं तो अपने बेशकीमती सिर को बचाने के लिए उसका कवर यूज क्यों नहीं करते। हेलमेट लगाने से एक्सीडेंट होने पर उतनी चोट नहीं आती है या फिर मौत को रोका जा सकता है। एसपी सुधीर जोशी ने साइबर ठगी को लेकर भी लोगों से अपील की है कि किसी तरह के लालच में ना आए और अपनी मेहनत की कमाई को सिर्फ कुछ पैसों की लालच में ना गवाह है।
