राज्य सरकार ने पहले बजट में बालोतरा में राजस्थान पेट्रो जोन विकसित करने की घोषणा कर जिले को बहुत बड़ी सौगात दी है। अब बालोतरा पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री में गुजरात के दबदबे को चुनौती देगा। बाड़मेर में 1.65 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड उत्पादन होता है, जो देश के तेल उत्पादन का करीब 25 फीसदी है। अभी बाड़मेर से क्रूड रिफाइन होने जामनगर जाता है। पचपदरा में रिफाइनरी में प्रोडक्शन शुरू होने के बाद यहीं पर रिफाइन होगा। इससे क्रूड के सभी अलग-अलग बायो प्रोडक्ट के कारखाने लगेंगे। रिफाइनरी का अहम प्रोजेक्ट शुरू होने से क्रूड ऑयल को रिफाइन कर जेट फ्यूल, पेट्रोल-डीजल, केरोसिन, एस्फाल्ट (डामर), एलपीजी के प्रोडक्ट निकलेंगे। इसके बाद रिफाइनरी के अगले चरणों में पेराफिन वैक्स, मोम, ग्रीस, पेटकॉक, नेफ्था, फर्टिलाइजर, परफ्यूम व प्लास्टिक के करीब 70 से अधिक प्रोडक्ट निकलेंगे। पेट्रो जोन विकसित होने से यहां लगने वाले बायो-प्रोडक्ट के कारखानों में इन उत्पादों से करीब 6 हजार प्रोडक्ट तैयार कर सकेंगे। 73 हजार करोड़ की लागत से बन रही देश की अत्याधुनिक रिफाइनरी प्रदेश सरकार का अहम प्रोजेक्ट है। यहां तेल शोधन के साथ पेट्रोलियम सह-उत्पादों के निर्माण के लिए पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स एक साथ विकसित होंगे। इस परियोजना से राजस्थान पेट्रोलियम आधारित उद्योगों का केंद्र बनेगा। बालोतरा जिले को यह सौगातें मिली