विधानसभा में शून्यकाल के दौरान चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने राशन डीलरों के चल रहे बकाया कमीशन का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस दौरान कहा कि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार की योजना के चलते जो फूड पैकेट वितरण किए गए थे, उनका अगस्त से नवंबर 2023 तक का कमीशन बाकी है। राशन विक्रेता और सहायक को वर्तमान में कोई मानदेय भी नहीं दिया जाता। विधायक आक्या ने सभी के कमीशन का भुगतान कर उन्हे राहत देने की बात कही। गेहूं का कमीशन भी बकाया
चित्तौड़गढ़ में पिछले दिनों राशन डीलरों ने प्रशासन और विधायक आक्या से बकाया कमीशन सरकार से दिलवाने की मांग की थी। इस पर गुरुवार को विधायक ने विधानसभा पर शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। विधायक ने कहा कि अधिकृत राशन विक्रेता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पूर्ववर्ती राजस्थान सरकार की एक योजना फूड पैकेट्स वितरण 15 अगस्त 2023 से शुरू किया गया था। अगस्त से नवम्बर तक का कमीशन अभी भी बकाया है। आत्मनिर्भर योजना के अन्तर्गत ऑफ लाइन वितरित किए गए गेहूं का कमीशन भी बकाया है। उन्होंने कहा कि राशन विक्रेता और सहायक (तोलक) को वर्तमान में कोई मानदेय नहीं दिया जाता है और ना ही विक्रेता को दुकान का किराया दिया जाता है। 3-4 साल पहले राशन विक्रेताओं से आधार सीडिंग का कार्य करवाया गया था, जिसका पेमेंट भी अभी तक बकाया चल रहा है। पोश मशीन का पेमेंट देने के बावजूद एजेंसी ले रहे है रुपए
विधायक आक्या ने कहा कि सरकार द्वारा नई पोश मशीन के 10 रुपए और मेंटेनेंस के 5.21 रुपए प्रतिमाह काटे जा रहे है। वर्तमान में जो नई पोश मशीनें विक्रेता को दी जा रही उसके पेटे पुरानी मशीन एजेन्सी वाले ले रहे है। जबकि पुरानी मशीन का पेमेंट विक्रेताओं ने पहले ही कर दिया था। राज्य सरकार ने जुलाई महीने से अशक्त और बुजुर्ग उपभोक्ताओं के लिए 10 किलोग्राम का बैग होम डिलीवरी करने की योजना बनाई है लेकिन राशन विक्रेताओं में कई विक्रेता अशक्त और बुजुर्ग है। उन्होंने इन समस्याओं को गंभीरता से लेने की बात कही। साथ ही इसका सॉल्यूशन निकालने की भी मांग की है।
