आदिवासी क्षेत्र में नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त के भास्कर खुलासे का मामला विधानसभा में भी उठा। शून्यकाल में कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने भास्कर स्टिंग के खुलासे के हवाले से सरकार को घेरा। शर्मा ने कहा की यह तो भास्कर के इन्वेस्टिगेशन अथॉरिटी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो इस मामले को उजागर किया है, लेकिन मामला सामने आने के बाद भी सरकार इस मामले में चुप है। पिछले 9-10 महीनों में 20 के करीब नवजातों को दलाल द्वारा बेचा गया है। तो फिर वहां के कलेक्टर, एसपी, जनप्रतिनिधि क्या कर रहे थे? पुलिस क्यों चुप थी? मानव तस्करी की यूनिट चुप क्यों थी? विधायक शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा, बच्चों के खरीद-फरोख्त की घटना दुखद है, लेकिन मां-बाप ही बच्चों को बेचने लग जाएं तो कौन क्या कर सकता है? इस का जवाब सुनते ही सदन में हंगामा होने लगा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी पूछ लिया कि क्या आपके मंत्री इसलिए ही कह रहे थे कि बच्चे ज्यादा पैदा करो..? जूली ने कहा कि मामला ध्यान में आने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया। मुख्यमंत्री, गृहमंत्री का कोई बयान कोई दौरा नहीं हुआ। पूछा-दलालों पर क्या एक्शन लिया मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा की अभी तक कुल 7 प्रकरण दर्ज हुए हैं। 6 प्रकरण 2023 में दर्ज हुए, जबकि 1 प्रकरण 2024 में दर्ज हुआ है। इसमें सरकार कोई सी भी हो, समाज की जागरुकता की जरूरत है। हमारी पुलिस पूरी तरह अलर्ट है। जिस पर नेता प्रतिपक्ष जूली ने पूछा कि पिछली या इस सरकार में मामले दर्ज बताकर आप बच नहीं सकते। पिछली सरकार के समय भी आप (बाबूलाल खराड़ी) वहीं से विधायक थे, अब मंत्री भी हैं, आप तो यह बताओ की इन दलालों के खिलाफ क्या एक्शन लेंगे, क्या कार्रवाई करेंगे..? पिछले 7 दिनों में क्या एक्शन लिया? 20 से ज्यादा बच्चों को बेच दिया, सरकार को खबर तक नहीं लगी विधायक शर्मा ने कहा की शर्म की बात है कि जिन पांच गांवों में सबसे ज्यादा बच्चों की बिक्री हुई, वे गांव मंत्री बाबूलाल खराड़ी के विधानसभा में आते हैं। जो राज चला रहे हैं, उनको 9 महीने से नहीं दिख रहा कि क्या हालात हैं..? अखबार में आने के बाद भी मुख्यमंत्री जी को नहीं दिखा.? इस पर सरकार चुप क्यों है। बच्चों को बेचकर वो अपना गुजारा चला रहे हैं। इससे बड़ी शर्मनाक स्थिति हम सब के लिए क्या होगी। सदन में डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने कहा कि मां आखिर अपने बच्चों को बेचने के लिए क्यों मजबूर हो रही है? उन्हाेंने इस पूरे मामले की जांच की मांग रखी।