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भारत की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस का अप्रैल-जून तिमाही में नेट प्रॉफिट यानी शुद्ध-मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 7.1% बढ़कर 6,368 करोड़ रुपए हो गया है। पिछले साल इसी तिमाही (Q1FY24) में कंपनी का शुद्ध मुनाफा ​​​5,945 करोड़ रुपए रहा था। वहीं पिछली तिमाही (Q4FY24) में यह 7,969 करोड़ रुपए रहा था। यानी तिमाही आधार (QoQ) पर कंपनी का नेट प्रॉफिट 20.1% गिरा है। इंफोसिस ने गुरुवार (18 जुलाई) को Q1FY25 यानी वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। एक महीने में 17% चढ़ा इंफोसिस का शेयर
इंफोसिस का शेयर आज रिजल्ट आने से पहले 2.20% बढ़ाकर 1,764 रुपए पर बंद हुआ। एक महीने में कंपनी का शेयर 17% चढ़ा है। 6 महीने में शेयर केवल 7% चढ़ा है। वहीं बीते एक साल में इंफोसिस के शेयर में 19.58% की तेजी आई है। एम्प्लॉइज की संख्या लगातार छठी तिमाही में घटी
सलिल पारेख की अगुआई वाली कंपनी में एम्प्लॉइज की संख्या लगातार छठी तिमाही में कम हुई है। FY25 की पहली तिमाही में 1908 एम्प्लॉइज कम हुए हैं। इस गिरावट के साथ इंफोसिस के कुल कर्मचारियों की संख्या 3,15,332 हो गई है। इंफोसिस की आय 3.6% बढ़कर ₹39,315 करोड़ रही जेनरेटिव एआई पर फोकस्ड अप्रोच का फायदा मिला
कंपनी के CEO और MD सलिल पारेख ने कहा- “स्ट्रॉन्ग और ब्रॉड बेस्ड ग्रोथ, ऑपरेटिंग मार्जिन एक्सपेंशन, बड़ी डील्स और अब तक के हाइएस्ट कैश जनरेशन के साथ हमने वित्त वर्ष 2025 की शानदार शुरुआत की। जेनरेटिव एआई की हमारी फोकस्ड अप्रोच का भी हमें फायदा मिला। नंदन नीलेकणि ने 21,000 रुपए में की थी कंपनी की शुरुआत
1981 में स्थापित, इंफोसिस एक NYSE लिस्टेड ग्लोबल कंसलटिंग और आईटी सर्विसेज कंपनी है। 250 डॉलर (आज के हिसाब से करीब 21,000 रुपए) की पूंजी से कंपनी की शुरुआत हुई थी। आज इसका मार्केट कैप 7.28 लाख करोड़ रुपए है। 40 साल पुरानी कंपनी के 56 से अधिक देशों में 1800 से ज्यादा ग्राहक है। इसकी दुनियाभर में 13 सब्सिडियरी कंपनियां है। कंपनी के फाउंडर नंदन एम. नीलेकणि है। CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर सलील पारेख है। डी सुंदरम लीड इंडिपेंडेंट डायरेक्टर है।

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