भास्कर संवाददाता | पाली इस्कॉन ने होली के दिन श्री गौर पूर्णिमा महोत्सव मनाया। नहर चौराहा से पालकी यात्रा प्रारम्भ हुई जो शहर के विभिन्न मार्गों से होेते हुए इस्कॉन केन्द्र अमरनाथ नगर पहुंची। पहली बार पाली में पालकी यात्रा का आयोजन हुआ। रास्ते में जगह-जगह यात्रा का स्वागत रास्ते में पुष्प वर्षा की गई। इसके बाद 4 बजे से हरे कृष्ण महामंत्र से कीर्तन से शुरुआत की गई उसे बाद गौर नित्याई का पंचामृत, पंचगव्य व विभिन्न फलों के रस से अभिषेक किया गया। इस्कॉन के कार्तिक कृष्ण प्रभुजी ने चैतन्य महाप्रभु के प्राकट्य दिवस व गौर पूर्णिमा के दिन की विशेषता के बारे में बताया। भक्तगणों के घर से विभिन्न व्यंजनों लाकर छप्पन भोग लगाया गया। उसके बाद महाआरती हुई। उसके बाद नाट्य कार्यक्रम जिसमें अमोघ का उद्धार, भगवान व भक्त के बीच साक्षी का प्रमाण, नगर संकीर्तन का प्रचार की प्रस्तुति दी गई। उसके बाद फूलों की होली से भक्त आनंदित हो उठे। श्री गौर पूर्णिमा श्री चैतन्य महाप्रभु का प्रकट दिवस है। सुनहरे रंग के कारण गौरांग के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण श्री चैतन्य महाप्रभु के रूप में प्रकट हुए थे। उत्सव की शुरुआत श्री श्री निताई गौरांग (भगवान चैतन्य महाप्रभु और भगवान नित्यानंद) के पल्लक्की उत्सव से होती है। माना जाता है कि इस उत्सव देवताओं को कीर्तन के बीच फूलों से सजी पल्लक्की में जुलूस के लिए ले जाया जाता है।

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