जनसुनवाई में अनुपस्थित रहने पर सांगाेद एसडीएम रामावतार मीणा ने पीडब्ल्यूडी एक्सईएन दिनेश कुमार धाकड़ काे कारण बताओं नाेटिस थमाया। जवाब में एक्सईएन ने एसडीएम काे ही ग्रेड-पे का हवाला देते हुए स्वयं काे उच्च स्तर का अधिकारी बता दिया। पत्र में एसडीएम से पूछा कि वे किन नियमाें के तहत एक्सईएन स्तर के अधिकारी काे नाेटिस दे सकते हैं? एक्सईएन के पत्र के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। अब कलेक्टर ने एक्सईएन काे सीसीए नियम 17 के तहत चार्जशीट थमाई है। मामला 18 जुलाई काे हुई जिलास्तरीय जनसुनवाई से संबंधित है। तब उपखंड स्तर से अधिकारी वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। मेरे अधीन एसडीएम जैसे चार एईएन : एक्सईएन एक्सईएन ने 19 जुलाई काे एसडीएम काे जवाब दिया। इसमें लिखा-‘मेरे अधीन एसडीएम के बराबर 4 सहायक अभियंता कार्यरत हैं। आप मुझे निम्न बिंदुओं पर प्रति उत्तर प्रस्तुत करें- अधोहस्ताक्षरकर्ता (एल-16 ग्रेड 6600) के स्तर का अधिकारी है एवं उपखंड अधिकारी (एल-14 ग्रेड- 5400) के अधिकारी हैं। राजस्थान सेवा नियम के किस नियम से निम्न स्तर का अधिकारी उच्च अधिकारी को संदर्भित पत्र प्रेषित कर सकता है, कृपया अवगत कराएं। पूर्व में भी आपके द्वारा मुझे मेरे सहायक अभियंता से भी निम्न स्तर के अधिकारी तहसीलदार सांगोद के अधीन कार्य करने काे लिखा था, कृपया बताएं राजस्थान सेवा के किस नियम के तहत उक्त कार्य किया गया। आप द्वारा निजी कार्यों के लिए पीडब्ल्यूडी अनुबंधित राजकीय वाहन की मांग की जाती है। एक्सईएन का रवैया शुरू से ही ऐसा रहा है : एसडीएम एसडीएम सांगाेद रामावतार मीणा का कहना है कि जनसुनवाई में अनुपस्थित अधिकारियाें काे कलेक्टर के निर्देश पर नाेटिस दिए थे। अकेले पीडब्ल्यूडी एक्सईएन काे ही नाेटिस नहीं दिया, बल्कि पीएचईडी, चिकित्सा और पशुपालन वालाें काे भी नाेटिस दिया। उनका ताे जवाब आ गया, लेकिन इन्हाेंने नाेटिस काे पर्सनली ले लिया। इनका रवैया मुझे ताे शुरू से ऐसा ही लगा। चुनाव के समय कंट्राेल रूम का प्रभारी बना दिया था, ताे कहने लगे कि मैं तहसीलदार के अधीन काम नहीं करूंगा। इनके पत्र में जाे गाड़ी मंगाने का जिक्र किया है, वह मैंने सेटलमेंट की टीम के लिए भेजी थी। वह टीम इन्हीं की राेड के मामले के लिए आई थी, उस टीम के लिए काेटा गाड़ी भिजवाई थी। गेस्ट हाउस में ऑडिट टीम और इलेक्शन टीम काे ठहराया था। बाकी कभी मेरे किसी परिचित काे नहीं ठहराया।