जयपुर में एक महिला के पेट का ऑपरेशन कर 15 किलो की गांठ निकाली गई। सवाई मान सिंह हॉस्पिटल में 4 घंटे चले इस ऑपरेशन में इस गांठ के 6-7 टुकड़े कर इसे शरीर से निकाला गया। ये ऑपरेशन 9 जनवरी को हुआ था। इसके बाद महिला को 23 जनवरी को छुट्टी दे दी गई थी। इसके बाद दो बार उसके हेल्थ का रिव्यू लेने के बाद डॉक्टर्स की टीम ने गुरुवार को इस केस की जानकारी शेयर की। 6 दिसंबर को ओपीडी में आई थी दिखाने डॉ. राजेन्द्र बुगलिया ने बताया कि उत्तर प्रदेश निवासी महिला कलादेवी (51) 6 दिसंबर 2024 को ओपीडी में दिखाने आई थी। इस दौरान उसे एसएमएस में एडमिट किया गया और उसकी जांच करवाई गई। इसके बाद अलग-अलग डिपार्टमेंट (ऑन्कोलॉजिस्ट समेत अन्य विभाग) से राय ली गई सब जगह से क्लीयरेंस मिलने के बाद 9 जनवरी को ऑपरेशन किया गया। उन्होंने बताया- गांठ इतनी बड़ी थी कि इससे पेट की आंत और बांयी तरफ की किडनी दोनों दब रहे थे। ऑपरेशन में इन दोनों को डेमेज किए बगैर गांठ निकालना चुनौती था। डॉक्टर ने बताया- महिला अब बिल्कुल ठीक है और सामान्य जीवन जी रही है। सांस लेने में हो रही थी तकलीफ, वजन भी बढ़ गया था डॉ. राजेन्द्र बुगलिया ने बताया- उत्तर प्रदेश निवासी महिला कलादेवी (51) जब यहां दिखाने आई तो उनका पेट बहुत बड़ा दिख रहा था। एक्सरे, सीटी स्कैन समेत तमाम जांचे करवाने के बाद पता चला कि पेट में लिपोसारकोमा गांठ है। अमूमन इतनी बड़ी गांठ होना बहुत रेयर होता है। अक्सर लोगों के इतनी बड़ी गांठ होती है उनमें अधिकांश में फ्लूड भरा होता है, जिसे पंक्चर करके निकाला जाता है। लेकिन ये गांठ पूरी तरह सॉलिड थी। ऑपरेशन करने के लिए पेट के बड़े हिस्से पर चीरा लगाना पड़ा। इस गांठ की वजह से महिला को सांस लेने की तकलीफ होने लगी। इसके साथ ही उसका वजन भी बढ़ गया था। ऐसे में महिला का सफल ऑपरेशन कर इस गांठ को बिना दूसरे ऑर्गन डैमेज के निकाला गया। कई शहरों में आपॅरेशन करने से कर दिया था मना डॉक्टर्स की टीम ने बताया कि यूपी की रहने वाली महिला की तबीयत अब बिल्कुल ठीक है। जब महिला एसएमएस हॉस्पिटल पहुंची थी उससे पहले वह आगरा, मथुरा समेत कई शहरों में सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलों में डॉक्टरों को दिखा चुकी थी। जहां सभी ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया था। एसएमएस हॉस्पिटल में ये ऑपरेशन सर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. जीवन कांकरिया के निर्देशन में डॉ. राजेन्द्र बुगलिया और उनकी टीम डॉ.देवेन्द्र सैनी, डॉ. अमित, डॉ. संदीप, डॉ. जे.पी. जाला, डॉ. तेजस और डॉक्टर आयुषी ने किया।