अजमेर| ग्राम गनाहेड़ा स्थित दिव्य मोरारी बापू धाम में चल रही श्रीमद्‌ भागवत त्रिवेणी कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। बाल कृष्ण की सजीव झांकी सजा कर आरती की गई तथा बधाइयां बांटी। संगीतमय भजनों पर श्रोता जमकर झूमें। कथा व्यास महामंडलेश्वर दिव्य मोरारी बापू ने भगवान राम व कृष्ण जन्म प्रसंग का वर्णन किया। बापू ने कहा, जिस हृदय में गोपाल आ जाते हैं, वहां इंद्रियों की चंचलता नहीं रहती। जैसे गोपाल गायों को बंसी की ध्वनि से शांत करते हैं, वैसे ही हमारे मन को भी स्थिर कर देते हैं। कथा सुनने वाला दोबारा जन्म नहीं लेता। कथा से हृदय शुद्ध होता है। श्रीमद्भागवत ही कृष्ण बनकर हृदय में प्रकट हो जाती है। व्यवस्थापक घनश्याम दास महाराज ने बताया कि सोमवार को नंद महोत्सव व गोवर्धन लीला होगी। कथा वाचक संजीव कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भगवान ने अगर हमें धनवान बनाया है तो उसका उपयोग निर्धनों की सेवा में करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जितना हमारे पास है, उसी से धर्म और सेवा कार्य करें। कल का कोई भरोसा नहीं है। रोज भगवान को भोग लगाने से भोजन पवित्र हो जाता है। वह भोजन अमृत बन जाता है। शास्त्री ने कहा कि भगवान की भक्ति दो प्रकार की होती है। एक में भक्त भगवान से कुछ मांगता है। दूसरी में भक्त भगवान को ही मांग लेता है। उन्होंने कहा कि नारी का सबसे बड़ा धर्म पति की सेवा करना है।

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