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टोंक SC-ST कोर्ट में सोमवार को समरावता में विधानसभा उपचुनाव में हुई आगजनी, उपद्रव, हिंसा के मामले (केस नंबर 167) में सोमवार को नरेश मीणा की वारंट पेशी हुई। सोमवार को भी इस मामले में चार्ज बहस के आदेश जारी नहीं हुए। जबकि राज्य सरकार की ओर से गत दिनों नियुक्त किए विशेष लोक अभियोजक रामवतार सैनी ने भी कोर्ट को लिखित में दिया है कि उनकी ओर से इस मामले 16 जून को ही अपनी बहस पूरी कर ली है। अब इस मामले में चार्ज बहस आदेश सुनाया जाए। वहीं न्यायाधीश ने अगली सुनवाई की तारीख 9 जुलाई दी है। उधर कोर्ट से तीन-चार पेशी के बावजूद चार्ज बहस के आदेश जारी नहीं करने से नरेश मीणा के एडवोकेट फतेहलाल मीणा ने डीजे से मिलकर इस मामले में आग्रह किया है कि जल्द इस मामले में चार्ज बहस के आदेश जारी किए जाए। पोलिंग बूथ पर एसडीएम को मार दिया था थप्पड़
13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर था। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया। उसने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश की तो SDM अमित चौधरी ने उसे रोका। इसके बाद नरेश ने तैश में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया।
13 नवंबर की रात को नरेश मीणा को पकड़ने आई पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। स्थिति काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायर किया था। आंसू गैस के गोले छोड़े थे। दूसरे दिन 14 नवंबर 2024 को दोपहर करीब 12 बजे पुलिस ने नरेश मीणा को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। नरेश मीणा पर चार मुकदमे लगाए गए थे। अप्रैल में ट्रांसफर करवा लिया था केस
कोर्ट के आदेश पर नरेश मीणा को 15 नवंबर को जेल भेज दिया था। इस मामले में पहले उनियारा और टोंक डीजे कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जहां से जमानत खारिज हो चुकी है। अप्रैल में इस केस को नरेश मीणा के वकील ने प्रार्थना पत्र लगाकर SC-ST कोर्ट टोंक में ट्रांसफर करवा लिया।

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