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अखिल भारतीय राज्य पेंशनर्स फेडरेशन के आह्वान पर सोमवार को पेंशनर्स को पूर्व में प्रदत सुविधाओं से वंचित नहीं करने को लेकर जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिलाध्यक्ष सोहनलाल जोशी ने बताया कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों और भारत की संचित निधि से पेंशन देनदारियों पर व्यय के सिद्धांतों के वैध करण से संबंधित विधेयक संसद से पारित हो जाने के फलस्वरुप केंद्र सरकार को पूर्व पेंशनरों और वर्तमान पेंशनरों में विभेद करने का अधिकार प्राप्त होने के कारण केंद्र सरकार के द्वारा पूर्व पेंशनरों एवं वर्तमान पेंशनरों में भेद करने का अधिकार प्राप्त करने से न केवल उच्चतम न्यायालय के विभिन्न निर्णयों का उल्लंघन होता है वरन एक जनवरी 2016 के पहले व इसके बाद के पेंशनरों के मध्य सातवें वेतन आयोग द्वारा प्रदत्त समानता समाप्त होने का जोखिम उत्पन्न हो गया है। जिलाध्यक्ष जोशी ने कहा कि पेंशन उन लोगों के लिए सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए एक सामाजिक उपाय है। जिन्होंने अपने जीवन के सर्वोत्तम अवधि अपनी नियोक्ता के लिए इस आश्वासन के दृष्टिगत कठिन परिश्रम कियाा। ज्ञापन सौंपते हुए परामर्शदाता कालूप्रसाद शर्मा, उपाध्यक्ष केसरसिंह राजपुरोहित, राजेश शर्मा, धनराज शर्मा, विजय सिंह चौहान, विष्णुकुमार गोयल, कालूराम भाटी मंडिया,फरीद मोहम्मद, धनसिंह बड़गुर्जर, राजस्थान पेंशनर समाज जिला शाखा प्रवक्ता दिनेश दवे सहित कई पेंशनर मौजूद रहे।

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