बिगड़ी लाइफ स्टाइल, खान-पान, मोटापा और तनाव के चलते टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित और दर्द झेल रहे बच्चों के लिए खुशखबरी है। एसएमएस के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग मे डायबिटीज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोला है। जहां पर टाइप-1 डायबिटीज झेल रहे बच्चोंं की स्क्रीनिंग से लेकर निशुल्क इलाज मिलने से सेहतमंद जिन्दगी जी सकेंगे। यहां पर आने वाले बच्चों को लोंग एक्टिंग और शॉर्ट एक्टिंग इंसुलिन, ग्लूको मीटर, ग्लूको स्ट्रिप, लेनसेट और 1 एसएमबीजी लॉग बुक्स भी निशुल्क मिलेगी। साथ ही जिनेटिक कारणों का भी पता लगाया जा सकेगा। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी का कहना है कि डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। एक ही छत के नीचे इलाज मिल सकेगा। यहां पर जिला अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टर और स्टाफ को क्वालिटीयुक्त जांच एवं इलाज का प्रशिक्षण मिल सकेगा। इलाज की पॉलिसी बनाना भी आसान होगा। राजस्थान मॉडल अब देशभर में लागू; प्रदेश के 61 जिला अस्पतालों के साथ 70 संस्थानों में मिशन मधुहारी मॉडल संचालित है। इस मॉडल से प्रभावित होकर केन्द्र के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश, कनार्टक, तेलंगाना, यूपी, छत्तीसगढ़ और बिहार समेत देशभर में लागू करने जा रहा है। केन्द्र की ओर से गठित कमेटी में राजस्थान से स्टेट नोडल ऑफिसर (एनपीएनसीडी) के डॉ. सुनील सिंह को शामिल किया है। जिसमें देश के जाने-माने डॉक्टरों को लिया है। राज्य में लागू मॉडल की देशभर में पहचान दी जा रही है। “एसएमएस में मधुहारी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोला है। यहां पर डॉक्टरों एवं स्टाफ को प्रशिक्षण, जिला अस्पताल के डॉक्टर एसएमएस के डॉक्टरों से परामर्श ले सकेंगे। रिसर्च भी हो सकेगा।” -गायत्री राठौड़, प्रमुख शासन सचिव ( चिकित्सा एवं स्वास्थ्य)