बाड़मेर जिले भर में राम भक्त वीर हनुमान जन्मोत्सव अलग-अलग हनुमान मंदिरों और घरों में मनाया। शनिवार को शहर के हनुमान मंदिर में सुबह 5:15 से लगातार 12 घंटे हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। इस दौरान बालाजी भक्तों ने मिलकर करीबन 250 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया। सुबह से भक्त मंदिरों के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे थे। वहीं, सफेद आकड़ा बजरंग बली के मंदिर में संगीतमय सुंदरकांड का पाठ किया गया। शाम को पवन पुत्र हनुमान की वांकल माता मंदिर से बजरंग बली की शाही सवारी शहर के मुख्य मार्गो से निकली। शनिवार को बाड़मेर शहर स्थित हनुमान मंदिर में सुबह 5:15 बजे हनुमान चालीसा पाठ शुरू किया गया। जो लगातार 12 घंटे तक अनवरत जारी रहा। मंगल बालाजी परिवार के आनन्द गुप्ता के मुताबिक- 12 घंटों तक अखण्ड संगीतमय हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। शाम 5.15 बजे पूर्णाहुति के साथ इसका समापन हुआ। हनुमान जन्मोत्सव समिति ने बताया कि सुबह वीर बालाजी मंदिर में ध्वजा रोहण किया गया। हनुमान चालीसा का पाठ सुनने के लिए मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। सुबह से मंदिर में श्रद्धालु मंदिर बजरंग बली के दर्शन के लिए पहुंच रहे है। विरात्रा माता मंदिर से निकली शोभायात्रा हनुमान जन्मोत्सव पर विरात्रा माता मंदिर से शाम 5:30 बजे शोभायात्रा शुरू हुई जो हाई स्कूल रोड, स्टेशन रोड होते हुए वीर बालाजी मंदिर पहुंची। बीच रास्ते में शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा की गई। इसके साथ ही शोभायात्रा में चवॅर, ध्वजा, सवामणी का प्रसाद लेकर भक्त हनुमान के रथ के आगे चलें। मंदिर में सवामणी का भोग लगाया गया। शोभायात्रा में ढोल नगाड़ा, झांकियां, रथ, सवामणी और प्रसार के थाल लिए भक्तजन शामिल हुए। साथ मंगल गान और भजन करती महिलाएं साथ चली। वीर हनुमानमय हुआ बाड़मेर शहर हनुमान जन्मोत्सव पर शनिवार देर शाम को वांकल माता वीरात्रा मंदिर से बजरंग बली की शाही सवारी निकाली गई। शोभायात्रा हाई स्कूल रोड, अहिंसा सर्किल, स्टेशन रोड, गांधी चौक होते हुए हनुमान मंदिर पहुंची। बग्घी में सवार रामभक्त व रथ में सवार पंच मुखी हनुमान की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। हनुमान जन्मोत्सव शोभा यात्रा में पुरूष श्वेत वस्त्र और महिलाएं लाल और पीली साड़ी या वेश पहनकर शामिल हुई। जगह-जगह शाही सवारी का पुष्प बरसा कर स्वागत किया गया। शोभायात्रा में भक्तों ने श्रीराम व हनुमान के जयकारे लगाए गए। शोभायात्रा में राजस्थानी वेशभूषा शोभायात्रा के आगे पारम्परिक राजस्थानी गैर की मंडली गेर का प्रदर्शन किया गया। शोभायात्रा के मन्दिर प्रांगण पहुंचने पर 10 सवामणी (511 किलों) चूरमे का भोग लगाने के बाद प्रसाद वितरण किया गया। 51 किलो के रोट का भोग- कमेटी की ओर से सवामणी का भोग वीर बालाजी मन्दिर में लगाया गया। वहीं, चारभुजा मन्दिर प्रांगण में आजाद युवा ग्रुप की ओर से 51 किलो के रोट का भोग लगाया गया।