90% से अधिक परिणाम पर स्कूलों का सम्मान भीलवाड़ा | माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षा में श्रेष्ठ परिणाम देने वाले स्कूलों के संस्था प्रधानों और शिक्षकों को सम्मान मिलेगा। वहीं, कम परिणाम आने वाले स्कूलों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सरकारी स्कूलों के संस्था प्रधानों और शिक्षकों के मूल्यांकन के नए नियम तय किए हैं। ये नियम शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होंगे। 12वीं और 10वीं बोर्ड परीक्षा में 90% या ज्यादा परिणाम पर तथा 8वीं व 5वीं कक्षा में अधिक विद्यार्थियों के ए ग्रेड लाने पर संस्था प्रधान को प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। श्रेष्ठ परिणाम देने वाले संस्था प्रधान और शिक्षकों को समारोह में सम्मानित किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी राज्य और जिला स्तरीय समारोह के लिए नामों की अनुशंसा करेंगे। 12वीं कक्षा में 60% या कम और 10वीं में 50% या इससे कम को संस्था प्रधान का खराब परिणाम माना जाएगा। 8वीं व 5वीं कक्षा में 50% या अधिक विद्यार्थियों को ई ग्रेड मिलने को खराब परिणाम की श्रेणी में रखा गया है। श्रेष्ठ परिणाम के लिए कम से कम 10 विद्यार्थियों का नामांकन जरूरी होगा। पिछले पांच साल में एक बार भी परिणाम खराब रहने पर चेतावनी दी जाएगी और स्थानांतरण किया जा सकता है। कार्यवाहक संस्था प्रधान के लिए यह मानदंड 50% तक कम रहेंगे। दो साल या पांच में से तीन साल परिणाम खराब रहने पर सीसीए नियम-17 के तहत कार्रवाई होगी। मूल पदस्थापन स्थान से अलग कार्यरत शिक्षक उस विद्यालय के परिणाम के लिए उत्तरदायी होंगे, जहां वे कार्यरत हैं। परीक्षा परिणाम की गणना में पूरक परीक्षा शामिल नहीं होगी। एक ही विषय को दो शिक्षक पढ़ा रहे हों तो दोनों जिम्मेदार होंगे।