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भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा की मानगढ़ धाम पर हुई रैली और आदिवासियों पर हुई बयानबाजी पर भाजपा ने कड़ा ऐतराज जताया है। कहा कि आदिवासी हिंदू है बीएपी गलत बयान कर भ्रमित कर रही है। जिलाध्यक्ष लाभचंद पटेल ने कहा कि आदिवासी हिंदू है और आगे भी रहेगा। किसी के कहने से कुछ नहीं होता। मानगढ़ धाम पर बीएपी ने कार्यक्रम में आदिवासी परिवारों को भ्रमित करने की कोशिश की गई। हम इसका विरोध करते हैं। साथ ही कहा कि हम केंद्र और राज्य सरकार से मांग करेंगे कि भविष्य में मानगढ़ की पवित्र भूमि पर इस प्रकार के राजनीतिक कार्यक्रम नहीं होने चाहिए। वहीं कृष्णा कटारा ने कहा कि मानगढ़ धाम के कार्यक्रम में आदिवासी परिवारों की महिलाओं का अपमान किया गया। आखिर बीएपी के लोगों को किसने यह अधिकार दे दिया। मुकेश रावत ने कहा कि आदिवासी वर्षों से हिंदू परिवार का हिस्सा रहे हैं। बीएपी को 2 वर्ष से आई है। यह जानते क्या हैं ? हमारी परंपराओं के बारे में। हम सभी को यह समझना होगा कि इनके जन्म से पहले से शिक्षा के क्षेत्र में आदिवासी परिवार की महिलाओं ने परचम लहराया हुआ है। मानगढ़ धाम पर सामाजिक कार्यक्रम नहीं था, यह एक राजनीतिक कार्यक्रम था। यदि सामाजिक कार्यक्रम होता तो समाज के लोग परंपरागत परिधान में आते। जिन क्षेत्र से आए वहां के आभूषण पहने होते। वहीं दीपसिंह वसुनिया ने कहा कि धाम पर ज्योति जलाने गए हमारे पूर्वजों को गोलियों से भून दिया गया। उस जमीन को राजनीतिक सोच ने गंदा कर दिया है। सांसद राजकुमार रोत से स्वयं हिंदू परंपरा के अनुसार शादी की है। भील प्रदेश की मांग आज की नहीं है। पर, कभी भी भील भाषा के नाम पर प्रदेश का गठन नहीं किया जा सकता है।

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