cover 1721382488 SdTpgT

लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा के खास दोस्त अमरजीत बिश्नोई को इटली से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अमरजीत ही गैंगस्टर राजू ठेहट मर्डर का दूसरा बड़ा मास्टरमाइंड है। उसे राजस्थान पुलिस भारत लाने की तैयारी कर रही है। अमरजीत बिश्नोई ने ही ठेहट मर्डर में हथियार पहुंचाने, सिम खरीदने और शूटरों के सीकर में खर्चे की पूरी व्यवस्था की थी। AK-47 जैसे हाईटेक हथियारों को छिपाने के लिए गाड़ी में एक स्पेशल बॉक्स भी बनवाया था। ताकि पुलिस की चेकिंग में हथियारों को पकड़ा नहीं जा सके। पत्नी सुधा कंवर के जरिए बदमाशों तक पैसे पहुंचाए थे। इन्हीं पैसों से शूटर होटल में रुके थे, कोचिंग की फीस जमा करवाई थी। राजू ठेहट की हत्या से पहले से ही अमरजीत ने पासपोर्ट बनवा लिया था। प्लानिंग थी कि मर्डर के बाद सभी शूटर के साथ विदेश भाग जाएगा। लेकिन ठेहट मर्डर से पहले ही अमरजीत दुबई भाग निकला। फिर वहां से इटली में जाकर छिपा बैठा था। राजू ठेहट की हत्या में अमरजीत का क्या कनेक्शन था। कैसे उसने मास्टरमाइंड की भूमिका निभाई। पढ़िए- इस रिपोर्ट में… गैंगस्टर राजू ठेहट की 3 दिसंबर 2022 को उसके घर के बाहर सेल्फी लेने के बहाने बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी थी। हत्याकांड में शामिल 25 बदमाशों को पुलिस ने अलग-अलग समय में गिरफ्तार कर लिया था। पकड़े गए बदमाशों में एकमात्र महिला थी अमरजीत बिश्नोई की पत्नी सुधा कंवर। ठेहट मर्डर की पड़ताल में सामने आ चुका था कि यह साजिश दुबई में छिपी आनंदपाल की बेटी चीनू, सुभाष बानूड़ा, सुभाष बराल, वीरेंद्र चारण और रोहित गोदारा ने रची थी। ठेहट को मारने के लिए रोहित गोदारा ने अपने सबसे भरोसेमंद दोस्त अमरजीत बिश्नोई को ही जिम्मा दिया था। भिवानी के सतीश पहलवान के अकाउंट में अमरजीत ने भेजे थे एक लाख रुपए
अमरजीत बिश्नोई ने राजू ठेहट को मारने वाले के लिए जिन शूटरों को हरियाणा से बुलाया था, उनके खातों में कई ट्रांजैक्शन के जरिए एडवांस रुपए भेजे थे। हरियाणा के भिवानी के सतीश पहलवान के सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के खाते में अमरजीत बिश्नोई ने अपने भाई सुरजीत बिश्नोई के फोन-पे नंबर से 1 सितंबर को 30 हजार रुपए, 2 सितंबर को 10 हजार रुपए, 5 अक्टूबर को 60 हजार रुपए डलवाए थे। मर्डर के लिए एडवांस पैसे मिलने के बाद सतीश ने जॉनी पहलवान और हिमांशु बॉक्सर को सीकर में कोचिंग स्टूडेंट बनाकर भेजा था। एके-47, जिगना पिस्टल के लिए गाड़ी में बनवाया था स्पेशल बॉक्स
राजू ठेहट की हत्या करने के लिए एके-47, दो ऑटोमैटिक जिगाना पिस्टल और करीब 60 कारतूस जयपुर पहुंच चुके थे। इन्हें सीकर में कोचिंग स्टूडेंट बनकर घूम रहे शूटरों तक पहुंचाने के लिए अमरजीत बिश्नोई ने ही खास व्यवस्था की थी। अमरजीत ने अपने एक मिस्त्री दोस्त तेजपाल से बोलेरो में हथियार छिपाने के लिए स्पेशल बॉक्स बीकानेर से बनवाया था। यह बोलेरो मनीष की थी। दो दिन में मिस्त्री तेजपाल ने बोलेरो में ऐसा बॉक्स तैयार कर दिया, जिसमें हथियार छुपाए जा सकें। इसी बोलेरो के जरिए जयपुर के सांगानेर से मनीष और मुकेश जाट ने हथियार उठाए। मनीष उस बोलेरो को अपने गांव सिरोही (नीमकाथाना) लेकर गया था। पत्नी सुधा से दिलाए 40400 रुपए, शूटरों ने इसी से चुकाई कोचिंग फीस
राजू ठेहट को मारने के लिए हथियार आ चुके थे। सतीश, जॉनी, हिमांशु को हरियाणा से सीकर में बुलाया गया था। रोहित गोदारा ने अमरजीत से बात कर तीनों शूटरों के रुकने और रुपए की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी दी थी। इनमें से एक शूटर जॉनी को राजू ठेहट के घर के पास मौजूद एक कोचिंग में एडमिशन कराने के लिए फीस की व्यवस्था अमरजीत ने करवाई थी। उसने पत्नी सुधा कंवर के जरिए 40 हजार 400 रुपए शूटर जॉनी तक पहुंचाए थे। इन पैसों से जॉनी ने कोचिंग की दो महीने की किस्त 17-17 हजार रुपए जमा कराई थी। दोस्त से फर्जी सिम के साथ मोबाइल मंगाए थे
ठेहट की हत्या से पहले फर्जी सिम और नए मोबाइल भी मंगाए गए थे। रोहित गोदारा ने अपने दोस्त अमरजीत बिश्नोई को ही मोबाइल और फर्जी सिम लाने की जिम्मेदारी दी थी। अमरजीत ने अपने दोस्त गणेश ओझा को कॉल कर बोला था कि फर्जी सिम के साथ मोबाइल लेने हैं। गणेश ओझा अपनी मौसी के लड़के राकेश ओझा को साथ लेकर संगम चौराहे पर रतनगढ़ चूरू में गया। अमरजीत ने पहले से प्लानिंग कर रखी थी। वहां बाइक पर आए एक युवक ने फर्जी सिम के साथ मोबाइल डिलीवर किया। गणेश ओझा और राकेश ओझा इसे ठेहट मर्डर के आरोपी मनीष बच्चियां और विक्रम गुर्जर तक पहुंचाया। बाइक सीज हुई तो इंजन रिपेयर के रुपए डलाए
राजू ठेहट की रेकी करने के लिए शूटरों को एक बाइक की जरूरत थी। रोहित गोदारा ने ही कॉल करके मनीष को श्रीगंगानगर से एक बाइक लाने को बोला था। मनीष ने अपने दोस्त अंकित जाट को 8 नवंबर को श्रीगंगानगर में एक पिस्टल देकर बस से भेजा था। उसने श्रीगंगानगर में फर्जी नंबर प्लेट लगी बाइक खरीदी थी। बीच रास्ते में बाइक खराब हुई तो अमरजीत ने ही उसे ठीक करवाने की व्यवस्था की थी। अमरजीत ने अपने दोस्त मिस्त्री भागीरथ शर्मा को कॉल कर भेजा था। मिस्त्री ने पहुंच कर बाइक को चेक किया तो पता लगा कि उसका इंजन सीज हो गया था। फिर अमरजीत ने अपने दूसरे दोस्त गणेश ओझा को बाइक ठीक कराने को बोला था। गणेश ओझा अपने मौसेरे भाई राकेश ओझा को लेकर मिस्त्री भागीरथ शर्मा के पास पहुंचा था। मिस्त्री ने इंजन के लिए 10360 रुपए मांगे। अमरजीत बिश्नोई ने दोस्त उमेश गहलोत से मिस्त्री के खाते में 14500 रुपए डलवा दिए। तीन दिन के बाद बाइक तीनों शूटरों तक पहुंची। अकाउंट डिटेल से पत्नी और भाई पकड़े गए थे
पुलिस ने जब शूटरों को पकड़ा तो उनके अकाउंट की डिटेल चेक की गई। अमरजीत के भाई बलजीत और उसकी पत्नी के अकाउंट का पता लगा। पुलिस ने इन अकाउंट की डिटेल खंगाली तो इनके दोस्तों और कई रिश्तेदारों का पुलिस को पता लगा। राजू ठेहट की हत्या के बाद पुलिस ने अमरजीत के भाई बलजीत और पत्नी सुधा कंवर को बीकानेर से ही 6 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि सुधा कंवर जमानत पर बाहर आ गई थी। इसके बाद अमरजीत ने सुधा कंवर को भी दुबई बुला लिया था। सिद्धू मूसेवाला मर्डर में जो गाड़ी काम आई उसे अमरजीत और दिनेश चलाते थे
राजू ठेहट की हत्या के बाद तीनों शूटर क्रेटा गाड़ी में फरार हुए थे। यही क्रेटा सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में भी काम में ली गई थी, जो पहले सचिन भिवानी के पास थी। मूसेवाला की हत्या के बाद नंबर प्लेट बदल कर क्रेटा राजस्थान पहुंचाई गई थी। क्रेटा पर RJ45 CH 1786 नंबर प्लेट लगी हुई थी। जबकि उसका असली नंबर HR 96 9331 था। जिसे अमरजीत बिश्नोई, फतेहपुर का दिनेश बारी और रानोली का शक्ति सिंह मिलकर चलाते थे। राजू ठेहट की हत्या करने के बाद जब तीनों शूटर्स को कार की जरूरत थी, तब यही क्रेटा काम में ली गई। तब क्रेटा नीमकाथाना के मनीष के पास से मंगाई गई। इसी गाड़ी में सवार होकर शूटर भागे थे। हत्या कर भागने के बाद खर्चे के लिए अमरजीत से रुपए भी पहले ही मंगवा लिए गए थे। बिना नागरिकता इटली में रह रहा था अमरजीत, अब हुई गिरफ्तारी
अमरजीत सिंह के खिलाफ हरियाणा, राजस्थान, यूपी और दिल्ली में मर्डर, डकैती से लेकर लूट और हत्या के प्रयास के 8 केस दर्ज है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उसके पास इटली की नागरिकता नहीं थी। वो वहां अपने एक दोस्त के साथ रह रहा था। राजस्थान की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की सूचना पर इटली के सिसली की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अब एजीटीएफ केंद्रीय एजेंसी की माध्यम से अमरजीत सिंह को इटली से भारत लाने की कोशिश कर रही है। इसके बाद सीबीआई और एजीटीएफ की टीम संयुक्त पूछताछ करेगी। यह भी पढ़ें : राजू ठेहट मर्डर में शामिल गैंगस्टर की गिरफ्तारी की कहानी:दुबई से भागकर इटली में छिपा था अमरजीत, पत्नी से मिला सुराग

By

Leave a Reply

You missed