ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AlMPLB) की अपील पर टोंक शहर व कई मुस्लिम संगठनों ने भारत में वक़्फ़ संशोधन अधिनियम 2025 के देशव्यापी शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक विरोध के तहत जिला मुख्यालय धरना प्रदर्शन किया। इसमें वक्ताओं ने अपनी बात रखी। बाद में कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। इसमें इस कानून को वापस लेने की मांग रखी गई। ज्ञात रहे कि इस साल केंद्र सरकार ने वक्फ बिल संशोधन पास किया है। इसका देश भर में मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध कर रहे है। इसको लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। इसके तहत गुरुवार को सुबह 10 बजे से 12 तक घंटाघर तिराहा पर एक धरना प्रदर्शन किया गया। वक्ताओं ने अपनी अपनी बात रखते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय से आव्हान किया कि वे इस कानून को अस्वीकार करें। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक को असंवैधानिक, अल्पसंख्यक विरोधी और इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ बताया है। अधिनियम में वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने और सरकारी निगरानी बढ़ाने का प्रावधान शामिल है। इससे मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ेगा और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात पहुंचेगा। वक्फ कानून के खिलाफ मुल्क में विरोध करने का लोकतांत्रिक तरीका है, लेकिन वक्फ कानून भारत के स्वाधीनता आंदोलन में अग्रणी रहने वाले मुस्लिम समाज के खिलाफ है और इससे उनके अधिकारों का हनन हो रहा है, इसलिए हम इसके विरोध में हैं। प्रदर्शन में शहर काजी सैय्यद ताहिरुल इस्लाम व एडवोकेट कासिफ जुबेरी वक्फ बोर्ड सदर मतीन मिर्जा, अकरम खान सलीम वकील मोसिन रसीद आदि मौजूद थे। बाद में कमेटी के कुछ मेंबर कलेकटर को उपराष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में इस कानून को वापस लेने पर जोर दिया गया।