सिटी रिपोर्टर | बीकानेर सांसारिक सुख, प्रसिद्धि और समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र ने रविवार को अपनी स्व राशि में प्रवेश कर लिया। दैत्य गुरु शुक्रदेव रविवार दोपहर 2:09 बजे स्व राशि वृषभ में प्रवेश िकया। यहां 26 जुलाई तक रहेंगे। शुक्रदेव का यह राशि परिवर्तन शुभ फलदायी होगा। खास बात यह है कि शुक्र के स्व राशि में जाने से बाजार गुलजार होंगे। खरीदारी बढ़ेगी। इसमें सोने-चांदी के आभुषण, महिलाओं के परिधान, फार्म हाउस, लग्जरी गाड़ियों की खरीद-फरोख्त में तेजी से इजाफा होगा। इन सबके साथ ही शुक्र का यह गोचर मौसम में भी परिवर्तन के संकेत दे रहा है। ज्योतिर्विद पंडित हरिनारायण व्यास मन्नासा के अनुसार शनि व बुध शुक्र के मित्र ग्रहों में आते है। शुक्र ग्रह के शत्रुओं में सूर्य व चन्द्रमा है। शुक्र के साथ गुरु व मंगल सम संबंध रखते हैं। वृषभ एवं तुला राशि के स्वामी शुक्र कन्या राशि में नीच तथा मीन राशि में उच्चराशिगत कहे गए हैं। वर्तमान में शुक्र मार्गी चल रहा है। इसके साथ ही यह उदित भी है। शुक्र अत्यंत शुभ फल प्रदान करेंगे। ऐश्वर्य कारक शुक्र का वृषभ राशि में प्रवेश होने से फिल्मी दुनिया, नई फिल्मी तारिकाओं, कलाकारों, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री, लेखकों, ज्वैलरी व रेडीमेड गारमेंट्स से जुड़े कारोबारियों को बढ़ावा मिलेगा। मन्नासा बताते हैं कि शुक्र ग्रह जातक की राशि से दूसरे, तीसरे, चौथे, सातवें, ग्यारहवें, बारहवें भाव में शुभ फलदायी होते हैं और एक, छः, नौवें भाव में शुक्र का भ्रमण प्रतिकूल होता है। शादी के लिए सप्तम भाव के साथ शुक्र का अध्ययन भी आवश्यक शुक्र ग्रह सांसारिक सुख, आकर्षण, सौंदर्य, विलासता, एश्वर्य और स्त्री ग्रह का कारक माना जाता है। मन्नासा के अनुसार शुक्र ग्रह विवाह का भी कारक होता है। विवाह होने के लिए लिए जातक की कुंडली में सप्तम भाव, सप्तमेश, सप्तम भाव कारक के साथ ही पुरुष के लिए शुक्र का अध्ययन आवश्यक है। सप्तमेश, अष्टमेश की दशा-अंतर दशा में जातक का विवाह होता है। यदि शुक्र या चंद्र सप्तमेश हो तो विवाह अवश्य होता है। शुक्र-चंद्र दोनांे में से जो अधिक बलवान होता है उसी की दशा में विवाह होता है। सप्तमेश यदि शुक्र के साथ हो तो एक की दशा व दूसरे की महादशा में विवाह होता है। हम मुख्य रूप से यह कह सकते हैं कि लग्नेश से शुक्र जितना नजदीक होगा जातक का विवाह उतना ही जल्दी होता है।