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अफ्रीका के जांबिया शहर में फंसे अजमेर के दो युवकों सहित नौ लोग सकुशल भारत लौट आए। इनके स्वदेश वापसी में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देवनानी ने केन्द्रीय मंत्रालय से संपर्क कर त्वरित कार्रवाई को अंजाम दिया। शुक्रवार को सभी पीड़ित दिल्ली एयरपोर्ट पर वापस पहुंच गए। जानकारी के अनुसार जांबिया में निजी कंपनी में जॉब के लिए गए 9 युवकों को कंपनी संचालकों ने बंधक बना लिया था। इसमें अजमेर के दो युवक अजयनगर निवासी अनीष रामचंदानी और रामगंज कंजर बस्ती निवासी यश जसवानी भी शामिल थे। सोशल मीडिया पर डाली थी पोस्ट सोशल मीडिया पर इन युवकों ने वीडियो अपलोड कर मदद की गुहार की थी। पीड़ितों ने रोते-बिलखते हुए कहा था कि कंपनी संचालक विजय आसवानी ने उनके साथ धोखा किया, यहां उनसे रात-दिन काम कराया जा रहा है, मारपीट की जा रही है। खाने-पीने के लिए मोहताज हो गए हैं। उनके वीजा-पासपोर्ट भी छीन लिए गए हैं। युवकों ने वीडियो पर हाथ जोड़ते हुए मदद की गुहार लगाई थी। पीड़ितों के परिजन सिंधी समाज के प्रतिनिधियों के साथ वासुदेव देवनानी से मिले और मदद मांगी। देवनानी ने मामले को गंभीर मानते हुए विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय में बात की थी। इस पर भारत सरकार के काउंसलर ने अफ्रीका के ऐंबैसी जाकर सभी युवाओं को सुरक्षित भारत वापस भेजा। जिसमें राजस्थान के 4 युवाओं में से अजमेर के 2 और उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के 5 युवक थे। सभी 12 जुलाई सकुशल अपने घर पहुंच गए। सिंधी युवा संगठन और राष्ट्रीय जन सेवा समिति के प्रतिनिधियों ने देवनानी के निवास पर धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर संस्थापक कुमार लालवानी, अध्यक्ष गौरव मीरवानी, सचिव राजा सोनी, जितेंद्र रंगवानी, आनंद पारवानी, जगदीश बच्चानी और राष्ट्रीय जन सेवा समिति के मनोज झामनानी, नानक गजवानी, रमेश कृष्णा और युवाओं के अभिभावक शामिल थे। मानवाधिकार संस्था ने दिया सभी को संरक्षण पीड़ित युवकों ने बताया कि वेस्ट अफ्रीका के जांबिया में विजय आसवानी ने निजी फर्म में अच्छे वेतन का लालच देकर जॉब के लिए भेजा था। जहां अजमेर के अनीष रामचंदानी, यश जसवानी, सागर, यश, राज, विवेक, मनीष, जय और भरत को बंधक बना लिया गया। उनके साथ मारपीट की गई और भूखा-प्यासा रखा गया। किसी तरह वे मानवाधिकार संस्था के दफ्तर पहुंचे, जहां उन्हें संरक्षण दिया गया। युवकों को वापस स्वदेश लाने के लिए इनके अभिभावकों ने सिंधी युवा संगठन से मदद मांगी थी।

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