भास्कर संवाददाता | भीलवाड़ा मांडल विधायक उदयलाल भडाणा ने विधानसभा में यूआईटी में हुए जमीन घोटाले का मुद्दा उठाया। भीलवाड़ा यूआईटी में एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। यह डीएलसी रेट पर हुआ था। इसकी मार्केट रेट पर आकलन किया जाए तो 10 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। उस समय के अधिकारियों की जांच करके गिरफ्तार किया जाए। भूमाफिया पर कार्रवाई की जाए। मांडल विधानसभा में जमीनों की बंदरबांट जैसे मामले भी उठाए। भडाणा ने कहा कि पिछली सरकार के समय मांडल विधानसभा क्षेत्र में जमीन, यूआईटी, नहर के घोटाले किए थे। वहां की फैक्ट्रियों में काले पानी को लेकर भी मिली भगत थी। पिछली सरकार घोटाले की सरकार थी। जमीनों की किस्म बदल दी गई। किसी गांव में जाते हैं तो वहां लोग कहते हैं कि यहां हमारी जमीन थी, लेकिन अब नहीं है। कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने सौ-दो सौ साल पुराने कब्जे को भूमिहीन किसान बताकर अपने मित्रों को बाहर से बुलाकर उन्हें अलॉट कर दी। करेड़ा में भी जमीन का घोटाला किया है। जमीनों की जबरदस्त बंदरबांट की गई। उन्होंने कमेटी बनाकर इन सबकी जांच की मांग की। यूआईटी के पैराफेरी में मांडल विधानसभा के 56 गांव आते हैं। उनकी जमीनों की बंदरबांट कर दी। हलेड़ में हाइवे निकाला, लेकिन उसका अभी पता नहीं। वहां फसल है, लेकिन उस कीमती जमीनों का जो मुआवजा पॉश कॉलोनी में बांट दिया।