जैसे अक्सर सरकारी फाइलों में काम पूरे होते हैं जमीन पर कुछ नहीं। इस साल मानसून ने भी कुछ ऐसे ही हालात बनाए। रविवार मानसून की सूखी एंट्री हो गई। बिना बारिश के मानसून ने बीते 15 साल में दूसरी बार एंट्री ली है। इससे पहले 2014 17 में भी सूखी ही एंट्री हुई थी। 3 दिन पहले नोखा, लूणकरणसर, छत्तरगढ़ समेत ग्रामीण इलाके के कई गांवों में अच्छी बारिश हुई मगर तब मानसून की एंट्री नहीं मानी गई। शहर में अब तक प्री-मानसून की 15 एमएम बारिश हुई जबकि प्री-मानसून की 29 एमएम बारिश होनी चाहिए। इस साल अब तक पूरे जिले में औसत बारिश 18.4 एमएम हुई। रविवार को जब मौसम विभाग ने एलान किया कि मानसून पूरे राजस्थान में आ चुका तो बीकानेर वासी हैरान थे। सूखी एंट्री। लोग पसीने से लथपथ थे। वैसे बीकानेर में 5 जुलाई के आसपास मानसून आता है मगर इस साल भले ही 6 दिन पहले आ गया हो पर बारिश फिर भी मानसून के समय ही होगी क्योंकि मौसम विभाग ने अब 3 दिन बारिश ना होने का संकेत किया है। अब दो जुलाई के बाद बारिश होने के आसार हैं। ऐसे में लोग मानसून की एंट्री का नाम सुन निराश हो गए। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि बीकानेर शहर, बज्जू और जसरासर पंचायत समिति को छोड़ दें तो प्रत्येक पंचायत स्तर पर बारिश का औसत अच्छा है। यही वजह है कि प्री-मानसून कैटेगरी में बीकानेर नार्मल कैटेगरी में शामिल किया गया जबकि कई जिले क्रिटिकल यानी निर्धारित से 20 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है। प्री-मानसून की कहां कितनी बारिश बीकानेर जिले 18.4 बीकानेर शहर 15 बज्जू 1 छत्तरगढ़ 61 हदां 69 जसरासर 9 खाजूवाला 12 कोलायत 23 लूणकरणसर 53 नोखा 63 पूगल 87 श्रीडूंगरगढ़ 68 जानें कब-कब आया मानसून 2012 11 जुलाई 2013 16 जून 2014 17 जुलाई 2015 26 जून 2016 5 जुलाई 2017 2 जुलाई 2018 29 जून 2019 18 जुलाई 2020 26 जून 2021 13 जुलाई 2022 1 जुलाई 2023 28 जून 2024 2 जुलाई 2025 29 जून 6 दिन पहले आना बेकार, बारिश समय पर होगी पूगल, श्रीडूंगरगढ़, नोखा, कोलायत, लूणकरणसर, छत्तरगढ़ और उसके आसपास इलाके में अच्छी बारिश हो चुकी है। ये सही है कि बीकानेर शहर में अभी बड़ी बारिश नहीं हुई लेकिन मानसून रविवार को बीकानेर पहुंच चुका। अब दो-तीन दिन बारिश के आसार नहीं है लेकिन 2 जुलाई के बाद बारिश होगी।राधेश्याम शर्मा, निदेशक मौसम विभाग भले ही मानसून 4 जुलाई की तुलना में 6 दिन पहले आया हो मगर बारिश निर्धारित 5 जुलाई के आसपास ही होने के आसार हैं। दरअसल बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का जो क्षेत्र बना था उसका असर अब कम हो गया है। इस वजह से अब दो-तीन दिन बारिश नहीं होगी। यही वजह है कि जब रविववार को मानसून ने एंट्री ली तो पूरे जिले में कहीं भी एक बूंद नहीं गिरी। ऐसा 2017 में भी हुआ था। 2016 में मानसून ने बीकानेर के रास्ते पहली राजस्थान में एंट्री ली थी। अमूमन मानसून, कोटा, भीलवाड़ा, उदयपुर साइड से ही प्रदेश में एंट्री होती है लेकिन 2016 में बीकानेर की ओर से एंट्री ली थी। मगर उसके ठीक अगले साल 2017 में मानसून ने सूखी एंट्री मारी थी। वही हालात 8 साल बाद 2025 में दोहराया गया।