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शहर का नई धानमंडी परिसर इन दिनों भक्तिभाव में डूबा है। दिन की शुरुआत वेदमंत्रों और यज्ञ में आहुतियों से हो रही है। दोपहर में कथा में भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन हो रहा है वहीं शाम को गंगा आरती में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। मौका है यहां हो रहे 31 कुंडीय विष्णु रुद्र यज्ञ का। आयोजन में बड़ी संख्य में शहर के लोग शामिल हो रहे हैं। इस दौरान भागवत कथा भी हो रही है। यज्ञाचार्य गंगाधर पांडेय ने कहा कि जैसे हमारे शरीर के लिए भोजन की आवश्यकता है वैसे ही हमारी आत्मा के लिए धर्म की जरूरत है। और धर्म के बहुत सारे मार्ग है जैसे पूजा, यज्ञ, दान, आदि। जो व्यक्ति धर्म की शरण में रहता है वह हमेशा आनंद में रहता है। यज्ञ में सुबह पुरुष सुक्त और श्री सुक्त के मंत्रों से भगवान विष्णु और लक्ष्मी के नाम से आहुतियां दी जा रही है। शाम को भगवान शंकर की आहुतियां डाली जा रही है।
श्री सनातन धर्म यज्ञ समिति के तत्वाधान में चल रहे इस आयोजन में शुक्रवार को दुसरे दिन की भागवत कथा सुनाते हुए कथा व्यास प्रीतमानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि अगर भगवान को पाना है तो भक्ति पथ पर चलना होगा। उन्होंने कहा कि भक्ति ही एकमात्र साधन है भगवान को पाने के लिए। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया और छप्पन भोग व गिरिराज धरण की कथा सुनाई।
कर्नाटक के विद्वान कर रहे अनुष्ठान
इस दौरान हो रहे चतुर्वेद पारायण कर्नाटक के विद्वान भागीदारी कर रहे हैं। ऋग्वेद के लिए उडुपी कर्नाटक से राम मूर्ति उडपा, यजुर्वेद के लिए गोविन्द शास्त्री, सामवेद के उमाशंकर व अथर्ववेद के रामपद पांडे सेवा दे रहे हैं। यज्ञशाला के सामने गंगा आरती की जा रही है।

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