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भास्कर की स्पेशल इंवेस्टिगेशन सीरीज के पहले एपिसोड में आपने पढ़ा कि किस तरह सोशल मीडिया पर अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का रैकेट चल रहा है। बड़े-बड़े अस्पतालों में बिना एनओसी किडनी ट्रांसप्लांट का दावा कर 45 लाख रुपए तक की डिमांड की जा रही है। अगर आपने पहला एपिसोड नहीं पढ़ा है तो इस खबर के अंत में उसका लिंक है। अब पार्ट-2 में पढ़िए उन डोनर की कहानी, जो महज 4.5 से 7 लाख रुपए में किडनी बेचने को तैयार हैं। साथ ही एक दलाल से बातचीत, जिसने दावा किया कि वो ईरान, नाइजीरिया और सर्बिया जैसे देशों में किडनी ट्रांसप्लांट करा देगा। इसके लिए 40 से 85 लाख के पैकेज भी बताए। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… किडनी के दलालों के स्टिंग के बाद भास्कर रिपोर्टर ने बोगस ग्राहक बनकर सोशल मीडिया पर AB पॉजिटिव डोनर की रिक्वायरमेंट का पोस्ट डाला। गुजरात के रहने वाले किरण पाटिल ने पोस्ट देखकर 83090-76725 नंबर से कॉल कर भास्कर रिपोर्टर से संपर्क किया और अपनी पत्नी दिव्या पाटिल के साथ जयपुर पहुंचे। भास्कर रिपोर्टर ने उनसे किडनी की रेट पूछी तो वो महज 6 लाख रुपए में अपनी किडनी बेचने को तैयार हो गए। पढ़िए पूरी बातचीत… किरण की पत्नी दिव्या मूल रूप से जयपुर की रहने वाली है। भास्कर रिपोर्टर ने उनसे भी बात की। (शहर में दो दिन रुकने के बाद किरण और दिव्या जयपुर से कोलकाता के लिए रवाना हो गए।) 4.5 लाख में किडनी बेचने को तैयार किडनी डोनर की रिक्वायरमेंट वाली फेसबुक पोस्ट देखने के बाद कश्मीर के रहने वाले रेहान खान ने भी 97971-09019 नंबर से कॉल कर भास्कर रिपोर्टर से संपर्क किया। भास्कर रिपोर्टर को भेजे वॉयस मैसेज में वो महज 5 लाख रुपए में किडनी बेचने के लिए तैयार था। उसने मैसेज किया- सर एक बार अपने डॉक्टर से कंफर्म कर लो। कहीं ऐसा न हो कि मैं इतनी दूर आऊं और डॉक्टर किडनी लेने से ही मना कर दें। भास्कर रिपोर्टर ने 5 लाख के बजाय 4.50 लाख ही देने की बात कही तो रेहान इसके लिए भी तैयार हो गया। भास्कर रिपोर्टर ने उससे किडनी से जुड़ी रिपोट्‌र्स भी मांगी। पढ़िए पूरी बातचीत… विदेशों में भी किडनी ट्रांसप्लांट का दावा सोशल मीडिया पर सक्रिय दलाल विदेशों में भी किडनी ट्रांसप्लांट का दावा कर रहे हैं। भारत में ब्लड रिलेटिव के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को किडनी ट्रांसप्लांट नहीं की जा सकती। ऐसे में दलाल दावा करते हैं कि ईरान, नाइजीरिया, सर्बिया जैसे देशों में टूरिस्ट वीजा बनवाकर नामी अस्पतालों में दो हफ्ते के भीतर किडनी ट्रांसप्लांट करवा दिया जाएगा। ऐसे ही एक दलाल ने सुनील कुमार नाम की फेसबुक प्रोफाइल से भास्कर रिपोर्टर से कॉन्टैक्ट किया। पहले फेसबुक पर चैटिंग हुई और फिर उसने कॉल किया। पढ़िए पूरी बातचीत… रात 9.30 बजे राहुल : सर फ्री है आप? मैं अपने सीनियर अर्जुन को कॉल पर ले लूं? रिपोर्टर : ओके। बताइए क्या प्रोसेस है? अर्जुन : फर्स्ट पार्ट फिटनेस का होता है। रिपोर्टर : ईरान ट्रैवल करने की पासपोर्ट एंट्री तो नहीं होगी ? अर्जुन : ईरान में पहले स्टिकर वीजा होता था, अब ई-वीजा होता है। अब पासपोर्ट नहीं होता है। रिपोर्टर : पासपोर्ट ईरान की ट्रैवल तो शो नहीं करेगा? अर्जुन : आपको ट्रैवल कंसर्न ज्यादा है तो आप दुबई होते हुए आ जाइए। रिपोर्टर : दुबई क्यों? अर्जुन : दुबई से तेहरान चले जाइए, वापस लौटते में भी दुबई होते हुए चले जाइएगा। इंडियन इमिग्रेशन रिकॉर्ड के हिसाब से आपने दुबई ट्रैवल किया है। रिपोर्टर : किडनी ट्रांसप्लांट पहले कहां होता था ? अर्जुन : पहले लोग सिंगापुर, श्रीलंका, फिर टर्की जाते हैं। यह सब अफोर्डेबिलिटी पर डिपेंड करता है। रिपोर्टर : वेरीफाई कैसे करें ? अर्जुन : मेरा पास एक इंडियन पेशेंट 5 को आ रहा है। उसकी सर्जरी 14-15 जुलाई के पास होगी। अगर आपके पास कोई है रिलेटिव है दुबई के जरिए तेहरान भेज दीजिए। इतने रुपए खर्च करने वाले हों तो वेरीफाई कर लीजिए। किडनी देने के बावजूद रुपए नहीं मिलते किडनी रैकेट का जाल इस तरह फैल चुका है कि डोनर का रखरखाव किडनी निकाले जाने तक ही किया जाता है। किडनी के दलाल 40 से 50 लाख रुपए तक लेते हैं, लेकिन डोनर को तय 4 से 5 लाख रुपए भी नहीं देते। देश में कई मामलों में खुलासा इसी कारण हुआ। यह खबर भी पढ़ें… फेसबुक पर किडनी बेच रहे दलाल:बिना डोनर बड़े अस्पतालों में ट्रांसप्लांट का दावा, 45 लाख रुपए तक मांगे, पार्ट-1

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