राजस्थान के 9 जिलों के 10,746 लोग ऐसे हैं, जिनकी पहचान गुलाबी और नीले कार्ड से होती है। इन कार्ड को जेनेटिक काउंसलिंग आईडी कार्ड (जीसीआईडी) कहा जाता है। ये लोग आपस में शादी तक नहीं कर सकते हैं। इन्हें लाइलाज सिकलसेल बीमारी के रोगी हैं। यह रोग इतना खतरनाक होता है कि खून में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ने नहीं देता और शरीर के अंगों को धीरे-धीरे बहुत कमजोर कर देता है। इससे कम उम्र में ही मौत हो जाती है। 50 साल से पहले ही मौत हो जाती है पिछले एक साल से चल रहे सर्वे में राजसमंद चित्तौड़गढ़, पाली, सिरोही, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, बारां व उदयपुर जिलों में 2980 लोग पॉजिटिव मिले हैं और 7,766 लोगों में इसके प्रारंभिक लक्षण हैं। यह बीमारी ज्यादातर आदिवासी क्षेत्रों में ही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की दिसंबर 2024 में जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक 2980 रोगियों में से 1590 महिलाएं पॉजिटिव हैं। सरकार ने एडवाइजरी जारी की है कि इस रोग के पॉजिटिव महिला-पुरुष आपस में शादी नहीं करें, क्योंकि इससे उनका बच्चा भी पॉजिटिव हो सकता है। सबसे दुखद यह है कि इस रोग में पीड़ित महिला की उम्र 48 और पुरुष की आयु 42 साल तक ही सीमित होने का खतरा बना रहता है। यह मुख्य रूप से आनुवांशिक रोग है। सरकार निशुल्क देगी वैक्सीन सरकार ने 2 वैक्सीन को मंजूरी दी है। एक वैक्सीन की कीमत 10 से 12 हजार रुपए हैं लेकिन सरकार निशुल्क देगी। हालांकि, अभी तक वैक्सीन का वितरण शुरू नहीं हुआ है। इससे बीमारी खत्म नहीं होती है, लेकिन ज्यादा बढ़ने का खतरा कम हो जाता है। क्यों नहीं कर सकते यह आपस में शादी केस 1 6 साल की मीना सिकलसेल पीड़ित है। उसके खून में हिमोग्लोबिन का स्तर 7-8 एमजी से आगे नहीं बढ़ पा रहा। अचानक चक्कर आ लगते हैं और गिर जाती है। कमजोरी इतनी है कि ज्यादा देर तक खड़ी भी नहीं रह पाती । उसे यह रोग अनुवांशि तौर पर मिला है। इससे वह परेशान है। केस 2 सज्जनगढ़ ब्लॉक का दिनेश सिकलसेल पॉजिटिव है। उसने सिकलसेल पीड़ित युवती से शादी कर ली। इनका बच्चा बार-बार बीमार होता है और काफी कमजोर है। अभी 18 साल का है और उसके बीमार होने पर अहमदाबाद जाकर जांच कराई। इसमें बच्चा सिकलसेल पॉजिटिव मिला। इसके बाद बच्चे के माता-पिता ने भी जांच कराई तो दोनों भी पॉजिटिव मिले।