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बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) का जवान अब एक नए और मॉडर्न लुक में नजर आएगा। नई ड्रेस का पहला लुक जैसलमेर में देश की पश्चिमी सीमा पर देखने को मिला। BSF DIG योगेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया- इस खास डिजिटल कॉम्बैट ड्रेस को बीएसएफ ने ही डिजाइन किया है। इसलिए इसे पेटेंट भी करवाया गया है, ताकि कोई भी इसको कॉपी नहीं कर सके। इससे बाजार में इसकी बिक्री और दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। अगर कोई ऐसा करेगा तो वो अपराध माना जाएगा। ये ड्रेस न केवल स्टाइलिश है, बल्कि जवानों के आराम और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई गई है ताकि 50 डिग्री गर्मी में भी ये जवानों को कंफर्टेबल लगे। बीएसएफ अधिकारियों ने किया डिजाइन
इस नई वर्दी की सबसे खास बात यह है कि इसे बीएसएफ ने खुद डिजाइन किया है। जल्द ही ये ड्रेस बीएसएफ जवानों को उपलब्ध कराई जाएगी। बताया गया है कि सालभर में सभी जगह ये ड्रेस पहुंच जाएगी। 80 फीसदी कॉटन से बनाई ड्रेस
नई वर्दी का फैब्रिक जवानों के आराम को ध्यान में रखकर चुना गया है। इसमें 80% कॉटन, 19% पॉलिएस्टर और 1% स्पैन्डेक्स (सिंथेटिक रेशा) का मिश्रण है। ये हल्का, सांस लेने योग्य और लचीला है। इससे पहले वाली वर्दी में 50 फीसदी कॉटन था, लेकिन अब इस वर्दी में जवान खुद को काफी हल्का महसूस करेंगे। रेगिस्तान में 50-55 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी हो या पंजाब-बंगाल के नम इलाके, यह वर्दी हर मौसम में जवान को सहज रखेगी। पुरानी वर्दी का कपड़ा मोटा था, लेकिन यह नया फैब्रिक पतला और हल्का है, जिससे गर्मी में भी राहत मिलेगी। डिजिटल पैटर्न के साथ बनाई ड्रेस
बीएसएफ की नई वर्दी में पहली बार डिजिटल प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें 50% खाकी, 45% हरा और 5% भूरा रंग शामिल है। यह रंग संयोजन ऑपरेशन के दौरान जवानों को दुश्मन की नजरों से छिपाने में मदद करेगा। डिजिटल पैटर्न न केवल आकर्षक है, बल्कि टिकाऊ भी है। ये कपड़ा जल्दी खराब नहीं होता, जिससे वर्दी की उम्र बढ़ती है। दो साल की मेहनत और फीडबैक से की तैयार
इस वर्दी को तैयार करने में दो साल का समय और गहन रिसर्च लगी। राजस्थान, पंजाब और बंगाल में जवानों और अधिकारियों ने इसके सैंपल पहनकर परीक्षण किया। उनके फीडबैक के आधार पर डिजाइन और फैब्रिक में सुधार किए गए। ये सुनिश्चित किया गया कि वर्दी हर मानक पर खरी उतरे और ऑपरेशन में उपयोगी हो।

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