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टीम इंडिया के उप कप्तान ऋषभ पंत को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने फटकार लगाई है। साथ ही एक डिमेरिट पॉइंट भी दिया है। भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर है। वे हेडिंग्ले टेस्ट में तीसरे दिन बॉल बदलने के लिए फील्ड अंपायर से भिड़ गए थे। काउंसिल के मुताबिक पंत ने ICC कोड ऑफ कंडक्ट के लेवल-1 का उल्लंघन किया है और इसके लिए उन्हें एक डिमेरिट पॉइंट दिया गया है। पेनल्टी के तहत कोई आर्थिक जुर्माना नहीं लगाया गया है। पंत लिए यह 24 महीने की अवधि में पहला अपराध था। 24 महीने के भीतर 4 डिमेरिट पॉइंट मिलने पर खिलाड़ी पर एक मैच का सस्पेंशन लग जाता है। पंत ने अपनी गलती मान ली है और ICC एलीट पैनल ऑफ मैच के रेफरी रिची रिचर्डसन द्वारा उन पर लगाई गई सजा को भी स्वीकार कर लिया है। मुकाबले के तीसरे दिन हुई थी घटना
इंग्लिश पारी के 61वां ओवर मोहम्मद सिराज डालने आए। ओवर की तीसरी बॉल की बाद बुमराह ने बॉल को लेकर अंपायर से शिकायत की। अंपायर से गेंद को बॉल चेकर (गेज) में डालकर जांचने को कहा। हालांकि, गेंद पास हो गई। इसके बाद ओवर की पांचवीं बॉल पर हैरी ब्रूक ने आगे निकलकर चौका लगा दिया। इसके बाद पंत ने भी गेंद को लेकर दूसरे अंपायर से शिकायत की। गेंद एक बार फिर गेज टेस्ट में पास हो गई, लेकिन पंत इससे नाराज दिखे। उन्होंने गुस्से में गेंद को दूर फेंक दिया। गेज टेस्ट में बॉल की साइज नापी जाती है। क्या कहता है कोड ऑफ कंडक्ट का नियम
ICC कोड ऑफ कंडक्ट के मुताबिक, लेवल-1 और लेवल-2 के उल्लंघन पर 1 से 2 डिमेरिट पॉइंट्स के साथ शून्य से 50 फीसदी मैच फीस लगती है। लेवल-3 के उल्लंघन करने पर 6 टेस्ट और 12 वनडे का सस्पेंशन मिलता है। पंत पर 1 डिमेरिट पॉइंट का जुर्माना लगाया गया है। वहीं अगर कोई खिलाड़ी 24 महीने में चार या ज्यादा डिमेरिट पॉइंट जमा करता है, तो वे सस्पेंशन पॉइंट में बदल जाते हैं, जिसके बाद खिलाड़ी पर एक टेस्ट या दो वनडे या दो टी-20 मैचों का बैन लग सकता है। डिमेरिट पॉइंट 24 महीने तक रिकॉर्ड में रहते हैं, इसके बाद वे हटा दिए जाते हैं।

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