जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में नवनिर्मित संविधान पार्क में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा नहीं लगाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की और से शनिवार को प्रदर्शन कर विरोध जताया गया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शन में शामिल एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का कहना था कि जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी में संविधान पार्क बनाया गया। जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर उस समय के कांग्रेस नेता रहे नेताओं की प्रतिमा और तस्वीर लगा दी गई। जबकि जिन्होंने संविधान बनाया उन्हीं बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा नहीं लगवाई गई। यह संविधान निर्माता बाबा साहब का अपमान है। इसलिए यूनिवर्सिटी प्रशासन यहां पर बाबा साहब की प्रतिमा लगाई जाए। उसी को लेकर प्रदर्शन किया गया। शनिवार को प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता कुलपति से मिलने पहुंचे लेकिन कुलपति मौके पर नहीं मिले इस पर कार्यकर्ताओं ने उनके ऑफिस के गेट के बाहर ही ज्ञापन चिपका दिया। बता दें कि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को संविधान पार्क का लोकार्पण किया था। संविधान पार्क में पूर्व में हुई कमियों के चलते एक बार पहले राज्यपाल ने लोकार्पण करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद इन कमियों को सुधारा गया। बाद में इसका लोकार्पण हुआ, लेकिन इसके साथ ही अब विरोध भी खड़ा हो गया है। 7 दिन के भीतर लगे मूर्ति अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी के JNVU इकाई सचिव ललित दाधीच ने बताया कि संविधान पार्क के निर्माण में संविधान के निर्माता भारत रत्न डॉक्टर बाबासाहब आंबेडकर के जीवन संघर्ष और संविधान निर्माण के लिए उनके योगदान की जानकारी उनकी प्रतिमा के साथ लगनी चाहिए थी। लेकिन, संविधान पर स्मारक में कहीं भी उनकी प्रतिमा नहीं लगाई गई है। ये संविधान का अपमान है। जबकि संविधान पार्क के स्मारक में जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा स्थापित की गई है जिनका संविधान निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी। इसको लेकर 20 जून को भी एबीवीपी ने संविधान स्मारक में की गई गलतियों को उजागर कर कुलपति महोदय को गलती सुधारने की चेतावनी दी थी। इसके बाद प्रशासन और कांग्रेस नेताओं को खुश करने के लिए संविधान निर्माता अंबेडकर का देश प्रति समर्पण और संघर्ष का इतिहास मिटाने का नवनिर्मित स्मारकों का कांग्रेसीकरण करने का प्रयास निंदनीय है। एबीवीपी ने मांग की है कि एक सप्ताह के अंदर विश्वविद्यालय के संविधान पार्क में बाबासाहेब आंबेडकर जी की प्रतिमा सम्मान के साथ स्थापित की जाए अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा।